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हॉलीवुड हो, संगीत या व्यापार - इन कई क्षेत्रों के बेहद सफल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर लोग अरब मूल के हैं. इन सेलेब्रिटीज के बारे में जानकर शायद आपको भी हैरानी हो.
कुछ हत्याओं ने इतिहास का रुख बदल दिया. अमेरिका से ले कर भारत तक, जानिए वे कौन से मशहूर नेता हैं, जिन्हें जनता अपना हीरो मानती रही और यही उनकी मौत का कारण भी बन गया.
भारत में ऐसी कई खास जगहें हैं जहां दुनिया भर के लोग पहुंचते हैं. कहीं असीम प्राकृतिक खूबसूरती है तो कहीं वास्तुकला का अद्भुत नमूना. एक नजर इन जगहों पर.
जलवायु परिवर्तन के सामने टिकने वाले पौधों में से एक है श्पेथ आल्डर. यह पेड़ों की एक हाइब्रिड प्रजाति है जिसे जापानी और कॉकेशियन आल्डर से मिलाकर बनाया गया है. रिसर्चरों की मानें तो इसमें कई ऐसे गुण हैं जो इसे भविष्य के शहरों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनाते हैं. आइए जानें हरियाली और ठंडक देने वाली इस किस्म के बारे में.
आखिर हम बूढ़े क्यों होते हैं. इस एक सवाल का जवाब तलाशते हुए स्टैनफोर्ड के एक रिसर्चर को कुछ खास मिला. एक ऐसी चीज जो शरीर के अंगों के बूढ़ा होने को रोक सकती है या उसे पलट सकती है. उनके हिसाब से यह चीज है - ब्लड प्लाज्मा. जानिए इससे बूढ़ा होने की प्रक्रिया को किस हद हद तक पलटा जा सकता है.
आमतौर पर बड़ी बड़ी हस्तियों की तस्वीरें लेने वाले मशहूर डेनिश फोटोग्राफर सोरेन सोल्कर कभी कभी किसी और पर भी फिदा हो जाते हैं. मैना पक्षी की अद्भुत करामातों पर मोहित होकर उन्होंने मैना को ही अपनी फोटोग्राफी का मुख्य विषय बना डाला. उन्होंने पक्षियों के झुंड को कुछ ऐसे रूप में कैद किया है जैसे वे किसी कलाकार की कल्पना हों.
कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में शिया बटर की खूब मांग है. इसके चलते अफ्रीकी देश बुरकिना फासो के किसान जंगल के जंगल साफ कर उस जमीन पर शिया उगा रहे हैं. ऐसा करने से वह शिया की फलियों का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक तो बन गया लेकिन वहां आने वाले प्रवासी पक्षियों को खो दिया.
खाने की जरूरतें पूरी करने के लिए जाने अनजाने में हम पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं. तो क्या हमारा खाना ईको फ्रेंडली नहीं हो सकता? क्या हम इंसान और पर्यावरण की खातिर खाने की अपनी पुरानी आदतें बदल सकते हैं? इन सभी सवालों के जवाब जानिए ईकोइंडिया के इस एपिसोड में.
क्या वाकई गाय के दूध की जगह बादाम से बना हुआ दूध पीना बेहतर होता है? और अगर ओट्स मिल्क और सोया मिल्क में से किसी एक को चुनना हो, तो पर्यावरण के लिहाज से कौन सा बेहतर है?
जितनी ज्यादा दुनिया की आबादी बढ़ रही है, उतनी ही ज्यादा खाने की मांग भी बढ़ रही है. इंसान को काफी वक्त पहले ही ये बात समझ में आ गयी थी और इसीलिए केमिकल फर्टीलाइजर्स और कीटनाशक भी इस्तेमाल होने लगे. लेकिन पिछले कुछ दशकों में हमने इन चीजों के दुष्परिणाम देखे हैं.
भारत चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. पहले नंबर पर केवल चीन है. भारत में असम चाय के लिहाज से सबसे अहम जगह है. यहां कई बड़ी कंपनियों के बागान हैं, लेकिन छोटे खिलाड़ी भी कम नहीं हैं जो सौ फीसदी ऑर्गेनिक चाय उगा रहे हैं और सफल भी हो रहे हैं.
दुनिया भर में उगने वाला एक तिहाई खाना बर्बाद हो जाता है. कोई फ्रिज में दूध रख कर भूल जाता है, तो कहीं सब्जी बनने से पहले ही सड़ जाती है. थाईलैंड के एक शेफ इस बर्बादी को रोकने के लिए कुछ नया आजमा रहा है.
आकांक्षा अरोड़ा संयुक्त राष्ट्र महासचिव के लिए पहली मिलेनिअल उम्मीदवार हैं. डीडब्ल्यू हिंदी के साथ इस साक्षात्कार में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में जरूरी बदलाव और अपनी रणनीति के बारे में बात की.
अक्सर हमें पता भी नहीं होता और रोजमर्रा की आदतें हमें बूढ़ा कर रही होती हैं. एक नजर ऐसी ही 8 बुरी आदतों पर.
जर्मनी मांसाहारियों का देश है लेकिन इस दिनों यहां सब्जियों की लोकप्रियता बढ़ रही है. सब्जियां आम तौर पर मुख्य भोजन मांस के साथ खायी जाती हैं. कुछ लोकप्रिय सब्जियां जो विदेशों में आम नहीं है.
दुनिया भर में ऐसे लोग बड़ी संख्या में हैं, जिन्हें बाघ, शेर, तेंदुए, जैगुआर और चीते के बीच अंतर पता नहीं चलता. इस जानकारी के बाद आप इन बड़ी बिल्लियों का अंदाजा आराम से लगा लेंगे.
विश्व प्रेस फोटो पुरस्कार पूरी दुनिया में पत्रकारों द्वारा ली गई तस्वीरों को सम्मान देते हैं. पिछला साल सिर्फ महामारी ही नहीं, बल्कि जलवायु संकट और दुनिया द्वारा भुला दिए गए संघर्षों का भी साल रहा.
कोरोना के जमाने में स्कूल की क्लास,कॉलेज का लेक्चर और ऑफिस की मीटिंग, सब ऑनलाइन होता है. लोग अपनी अपनी बातें बोल देते हैं, दूसरों की सुन लेते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर भाषा नहीं होती, तो ये सब कैसे होता.
महिलाएं खेलों में पुरुषों के साथ बराबरी के लिए दशकों से लड़ रही हैं. कई सफल महिला खिलाड़ियों के इस संघर्ष ने खेलों की दुनिया को हिला के रख दिया, लेकिन कई क्षेत्रों में वो सफलता ज्यादा वक्त तक चली नहीं.
रोटी, कपड़ा और मकान की तरह ही बिजली भी लोगों की मूलभूत आवश्यकता बन चुकी है. घर रोशन करने से लेकर ट्रेन चलाने तक हर जगह बिजली की जरूरत होती है. एक नजर बिजली उत्पादन के तरीकों पर.