भारत में क्रिकेट की नई सनसनी पृथ्वी शॉ
रवि शास्त्री उन्हें सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग का मिला जुला रूप बताते हैं, पहली बार टेस्ट क्रिकेट खेलने उतरे खिलाड़ी को शतक बनाते तो दुनिया ने कई बार देखा है, लेकिन पृथ्वी शॉ के पास कामयाबियों की कई कहानियां हैं.
बचपन से शुरुआत
मुंबई के विरार में पले बढ़े पृथ्वी ने 4 साल की उम्र में अपनी मां को खो दिया. 9 साल की उम्र में मुंबई की रिजवी एकेडमी में क्रिकेट सीखना शुरू किया. उन्हें क्रिकेट एकेडमी तक पहुंचाने के लिए उनके पिता हर दिन 90 मिनट का सफर करते थे. उनके पिता को अपना व्यापार भी बंद करना पड़ा.
पृथ्वी का पहला शतक
14 साल की उम्र में पृथ्वी ने जब मुंबई की कांगा लीग में पहला शतक जमाया तो वो ऐसा करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थी. सचिन तेंदुलकर ने उन्हें पहली बार देख कर ही कहा था कि वे एक दिन इंडिया के लिए खेलेंगे.
स्कूली क्रिकेट में धमाल
2014 के दिसंबर में उन्होंने अपने स्कूल के लिए 546 रन बनाए जो स्कूली क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर है. स्कूली क्रिकेट में धमाल मचाते मचाते पृथ्वी मुंबई की अंडर 16 क्रिकेट टीम के कप्तान बन गए.
रणजी में शतक
पिछले दो दशकों में पृथ्वी शॉ अकेले ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने रणजी के अपने पहले ही मैच में शतक ठोक दिया. आईपीएल में उन्हें डेल्ही डेयरडेविल्स ने खरीदा है और उनकी शुरुआत शानदार रही है.
विश्वविजेता अंडर 19 टीम के कप्तान
न्यूजीलैंड में हुए अंडर 19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में उन्होंने भारतीय टीम की कप्तानी की और टीम को विश्वविजेता बनाया. अंडर 19 क्रिकेट टीम के कोच राहुल द्रविड़ का कहना है कि पृथ्वी ने अपने खेल में लगातार सुधार किया है.
भारतीय टीम में शामिल
इंग्लैंड के दौरे पर इंडिया ए के लिए पृथ्वी शॉ ने 60.3 के औसत से सबसे ज्यादा 603 रन बनाए. इस दौरे पर वो सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय खिलाड़ी थे.
पहले टेस्ट में शतक
राजकोट में वेस्ट इंडीज के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेलने उतरे पृथ्वी शॉ ने 134 रन बनाए. अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में पहली पारी में ही शतक बनाने का करिश्मा इतनी कम उम्र में भारत का कोई और खिलाड़ी इससे पहले नहीं कर पाया.