जर्मनी की एक पशु चिकित्सक पिछले 27 सालों से राजस्थान में ऊंटों और ऊंट पालकों के विकास के लिए काम कर रही हैं. उन्होंने वहां कैमल करिश्मा नाम की ऊंटनी के दूध की डेयरी भी स्थापित की है. इतना ही नहीं, वो ऊंटों की ऊन से कम्बल, शॉल और स्टोल भी बनवाती हैं. हम पहुंचे राजस्थान, उनसे मिलने और ऊंटों से उनके लगाव को समझने.