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नतीजों के बाद जोड़ घटाव में लगी पार्टियां

महेश झा९ नवम्बर २०१५

जब राजनीतिक पार्टियां बिहार के चुनाव नतीजों का लेखा जोखा करने में लगी हैं, केंद्र सरकार फैसले से अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान को संभालने में लगी है. बीजेपी की हार के बाद सुधार कार्यक्रमों के धीमा पड़ने की आशंका है.

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Indien Bihan Wahlen
तस्वीर: Reuters/A. Mukherjee

भारत सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक सुधारों को जारी रखने का भरोसा दिलाया है. इससे पहले सोमवार को बिकवाली के पहले सत्र में शेयर सूचकांक 2.3 प्रतिशत गिर गया, हालांकि उसमें बाद में कुछ बेहतरी आई. शुरुआती कारोबार में 600 अंकों की गिरावट के बाद बाजार बंद होने तक 500 अंकों का नुकसान पूरा हो गया. बिहार के चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत रुचि के बावजूद बीजेपी की करारी हार हुई है और विश्लेषकों को डर है कि इससे वोट जीतने की उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है. उद्योग जगत को यह डर सता रहा है कि बिहार के नतीजों से जोश में आई विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार के आर्थिक सुधारों को पटरी से उतार सकती है.

प्रधानमंत्री ने बिहार चुनावों को अपनी लोकप्रियता के परीक्षण का मैदान बना दिया था. एक महीने तक तले चुनाव प्रचार में उन्होंने 30 से ज्यादा सभाओं को संबोधित किया और विकास के लिए अरबों रुपये के निवेश का वादा किया. सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के एक विश्लेषक ने अंग्रेजी दैनिक हिंदू में लिखा है, बीजेपी की हार केंद्र में उसकी स्थिति को महत्वपूर्ण रूप से कमजोर करेगी." इससे आशंका पैदा हुई है कि संसद में विपक्षी दल अधिक आक्रामक तरीके से मोदी सरकार के विधेयकों का विरोध करेंगे. लेकिन वित्त मंत्री अरूण जेटली ने इससे इंकार किया है कि यह चुनाव 17 महीने की मोदी सरकार के प्रदर्शन पर जनमत संग्रह था.

आज बिहार चुनाव के नतीजों पर विचार करने के लिए बीजेपी संसदीय दल की बैठक हो रही है जिसमें प्रधानमंत्री भी हिस्सा लेंगे. वे पिछले साल विकास के नारे के साथ सत्ता में आए थे और पिछले महीनों में विदेशों में निवेश जुटाने की कोशिश के अलावा भारत में स्वच्छ भारत जैसे कई अभियान छेड़ चुके हैं. लेकिन निवेश को बढ़ावा देने के लिए जरूरी आर्थिक सुधारों और करोड़ों युवा लोगों के लिए नए रोजगार बनाने में मोदी की विफलता की शिकायतें होने लगी हैं. इस हार से राज्य सभा में विपक्ष को कमजोर करने और भाजपा का बहुमत पाने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य को भी नुकसान पहुंचा है. इस साल दिल्ली के चुनावों में भी भाजपा की करारी हार हुई थी. बिहार में हार के बाद जिम्मेदारी को लेकर बीजेपी के अंदर आरोप प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है.

उधर बिहार चुनाव में के विजेता चुनाव में अभूतपूर्व जीत का जश्न मना रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लालू यादव की आरजेडी और कांग्रेस के साथ जेडीयू के गठबंधन को 243 सीटों की विधान सभा में 178 सीटें मिली जबकि बीजेपी को सिर्फ 53 सीटें मिली. दस साल तक सत्ता से बाहर रहने के बाद लालू यादव की आरजेडी की जबरदस्त वापसी हुई है. जीत से विपक्षी नेता भी उत्साहित दिख रहे हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनाव में ‘साम्प्रदायिक शक्तियों को सबक सिखाकर' धर्मनिरपेक्षता का मजबूत संदेश देने पर बिहार की जनता को बधाई दी. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि देश के लोगों के लिए असल में 'अच्छे दिन' की शुरुआत अब हुई है.