बायर्न की राह में दो जुनूनी टीमें
१७ अप्रैल २०१४जर्मन कप के फाइनल तक पहुंचने के लिए बायर्न और उसके कोच पेप गुआर्डिओला को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी. दूसरी श्रेणी की बुंडेसलीगा टीम काइजर्सलाउटर्न को बायर्न ने 5-1 से धो दिया. काइजर्सलाउटर्न 1997-98 जैसे चमत्कार की उम्मीद लिए मैदान में आई थी. डेढ़ दशक पहले खेले गए ऐसे ही मैच में उसने बायर्न को आखिरी बार हराया था. तब से टीम आज तक लाल जर्सी वाली बायर्न के सामने टिक नहीं पाई है.
बायर्न म्यूनिख की निगाहें इस वक्त दो-दो ट्रॉफियों पर लगी हैं. टीम चैंपियंस लीग के सेमीफाइनल में पहुंच चुकी है, जहां अगले हफ्ते उसका सामना रियाल मैड्रिड से होगा. रियाल ने बुधवार रात अपने धुर प्रतिद्ंवद्वी बार्सिलोना को हराकर स्पेन की कोपा डे रे ट्रॉफी जीती है. ऐसे में जाहिर है कि चैंपियंस लीग में दर्शकों को दोनों ताकतवर टीमों के बीच एक अच्छा मुकाबला देखने को मिलेगा.
बुंडेसलीगा चैंपियन बायर्न की नजर जर्मन कप पर भी है. लेकिन यहां भी उसकी राह में डॉर्टमुंड नाम का रोड़ा है. पिछले हफ्ते डॉर्टमुंड ने बायर्न को हराकर दिखा दिया कि टीम देर से ही सही, लेकिन लय में आ चुकी है. डॉर्टमुंड के बारे में यह बात मशहूर है कि वो कभी भी किसी को भी हरा सकती है और कभी किसी से भी हार सकती है, लेकिन जब वो लय में होती है तो उसे हराना नामुमकिन सा होता है. नए साल की निराशाजनक शुरूआत के बाद फिलहाल डॉर्टमुंड लय में दिख रही है. युर्गेन क्लॉप की टीम जर्मन कप के फाइनल में पिछले साल का प्रदर्शन दोहरा कर बायर्न को फिर हराने की चाहत भर रही है. खिताबी भिड़ंत 17 मई को बर्लिन के ओलंपिक स्टेडियम में होगी.
रिपोर्ट: बेंजामिन नाइट/ओएसजे
संपादन: महेश झा