बांग्लादेश में कट्टरपंथी उबाल
६ मई २०१३नाम न बताने की शर्त पर पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि ढाका के बाहरी इलाके कांचपुर में दो पुलिसकर्मियों, एक अर्धसैनिक बल समेत आठ लोग मारे गए हैं. ढाका के बीचों बीच कारोबार के लिए मशहूर मोतीझील इलाके में सात लोगों की मौत हुई है. मोतीझील में अब पुलिस प्रदर्शनकारियों के बंद किए रास्तों को खोल रही है. बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां की जा रही है. लेकिन साथ ही अब भी जगह जगह टायर जलते हुए देखे जा सकते हैं.
इस बीच ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने मोतीझील के इलाके में रैली और प्रदर्शनों पर सोमवार रात तक लिए प्रतिबंध लगा दिया है. प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग और 18 पार्टियों वाले विपक्ष ने भी सोमवार शाम रैली निकालने का ऐलान किया है. विपक्ष की रैली की अगुवाई पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया करेंगी.
कट्टरपंथ बनाम बांग्ला अस्मिता
रविवार को ढाका के व्यावसायिक इलाके मोतीझील में रविवार को 'नास्तिकों को फांसी दो' जैसे नारे गूंज रहे थे. प्रदर्शनकारी लगातार आगे बढ़ते जा रहे थे. एक न्यूज चैनल के मुताबिक पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसूगैस के गोले दागे और रबर की गोलियां चलाई. इसके बाद हिंसा भड़क उठी.
प्रदर्शनकारी कड़े इस्लामी कानून लागू करने की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शन में शामिल हिफाजत ए इस्लाम नाम का संगठन महिलाओं और पुरुषों के बीच दूरी बढ़ाने की मांग कर रहा है. विवादित ईशनिंदा कानून लागू करने की मांग रहे कट्टरपंक्षी शिक्षा में भी कड़ी इस्लामी शिक्षा की मांग कर रहा है. महिला संगठन कट्टरपंथियों की मांगों से आहत महसूस कर रहे हैं.
सरकार इन मांगों को खारिज कर रही है. सरकार के मुताबिक बांग्लादेश एक धर्मनिरपेक्ष देश है और मौजूदा कानून ऐसे अपराधों से निपटने के लिए पर्याप्त हैं.
बांग्लादेश में बीते कुछ महीनों से कट्टरपंथी ताकतें माहौल सुलगा रही हैं. कट्टरपंथ के खिलाफ लिखने वाले कई ब्लॉगरों की हत्या की जा चुकी है. कट्टरपंथ के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोग बांग्ला अस्मिता की बात करते हैं. उनका कहना है कि विभाजन बांग्ला संस्कृति की वजह से हुआ, ऐसे में कट्टरपंथ की राह में जाना आजादी के रास्ते से भटकना होगा. मीडिया भी बंटा हुआ दिख रहा है.
टीवी चैनल बंद
इस बीच पुलिस ने सोमवार को विपक्ष की ओर झुके एक टीवी चैनल के दफ्तर पर छापा मारा. अधिकारियों ने टीवी चैनल के प्रसारण को रोक दिया है. दिगंता टेलीविजन के चीफ रिपोर्टर एम कमरुज्जमान के मुताबिक, "सादे कपड़ों में करीब 25 पुलिसकर्मी और बीटीआरसी (बांग्लादेश टेलीकम्युनिकेशन रेगुलेटरी कमीशन) के लोग हमारे दफ्तर में आए और हमारा प्रसारण बंद कर दिया. उन्होंने हमारा मास्टर कंट्रोल रूम, प्रोडक्शन कंट्रोल रूम और हमारा इंजीनियर्स रूम सीज कर दिया. उन्होंने हमसे कहा कि अगले नोटिस तक हम प्रसारण नहीं कर सकते."
टीवी चैनल बांग्लादेश की मुख्य इस्लामी पार्टी के नेता का है. नेता पर 1971 की लड़ाई के दौरान युद्ध अपराध के आरोप हैं. इससे पहले विपक्ष समर्थक अखबार को भी बंद किया जा चुका है. उसके संपादक को राजद्रोह और धार्मिक तनाव भड़काने के आरोप में जेल भेजा जा चुका है.
ओएसजे/एएम (एपी, रॉयटर्स)