वित्त मंत्री ने साल 22-23 के लिए पेश बजट में जीरो बजट खेती, प्राकृतिक खेती, आधुनिक कृषि, मूल्य संवर्धन और प्रबंधन पर जोर दिया. देश के किसानों को एक ओर जहां मूलभूत सुविधाओं के लिए धक्के खाने पड़ते हैं वहीं बजट में किसानों को हाई टेक बनाने की बात कही गई. इस बार के बजट में ड्रोन किसान की घोषणा की गई. ऐसे समय में जब किसान खेती के समय फर्टिलाइजर, पानी और बिजली की कमी जैसी समस्याओं से दो चार होते हैं तो क्या किसान ड्रोन उनकी खेती को आसान बना पाएगा. हालांकि दुनियाभर के विकसित देशों में खेती के लिए मॉडर्न तकनीक का इस्तेमाल होता है लेकिन भारत में यह ड्रोन तकनीक कितना कारगार साबित होगा इस पर विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं. उनका सवाल है कि क्या इससे किसानो की आय बढ़ेगी?
कृषि क्षेत्र के जानकारों का सवाल है कि क्या किसान ड्रोन तकनीक समय की सबसे जरूरी मांग है. मजदूर किसान शक्ति संगठन ने मीडिया से कहा, "इस क्षेत्र में बड़ी समस्याएं हैं जिन पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है." वरिष्ठ पत्रकार और रुरल वायस के किसान के प्रधान संपादक हरवीर सिंह ने डीडब्ल्यू से कहा कि ड्रोन का इस्तेमाल फसलों के नुकसान के आकलन के लिए बीमा कंपनियां कर सकती हैं और किसान भी कीटनाशकों के छिड़काव के इस्तेमाल के लिए कर सकते हैं. लेकिन वे यह भी पूछते हैं कि आखिर आम किसान ड्रोन तक कैसे पहुंच बनाएगा और हजारों रुपये के ड्रोन पर क्यों निवेश करेगा.
वहीं दूसरी ओर सरकार ने 2022 में किसानों की आय दोगुनी का करना का ऐलान किया था लेकिन वित्त मंत्री ने इस बजट भाषण में इसका जिक्र तक नहीं किया और यह भी नहीं बताया कि यह लक्ष्य से कितना दूर. इस बारे में हरवीर सिंह का कहना है कि सरकार के लिए किसानों की आय दोगुनी करना असंभव सा है. वे कहते हैं, "सरकार इस पर बात नहीं करना चाहती है और मुद्दे से बचना चाहती है. सिर्फ कृषि से किसानो की आय बढ़ाना या दोगुनी करना असंभव काम है." उनका कहना है कि सरकार ने एक लोकलुभावन ऐलान किया था.
किसान ड्रोन क्या करेगा
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें डिजिटल और उच्च प्रौद्योगिकी सेवाओं से जोड़ा जाएगा. कृषि क्षेत्र में कीटनाशकों के छिड़काव और बुआई के लिए ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके साथ ही फसलों के मूल्यांकन और कृषि भूमि के डिजिटलीकरण के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा. सरकार ने हाल ही में कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिड्यूर की घोषणा की है.
केमिकल मुक्त खेती की ओर
इसके अलावा प्राकृतिक खेती को भी बजट में बढ़ावा देने की बात की गई है. वित्त मंत्री ने कहा कि देश भर में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा जिसके तहत पहले चरण में गंगा नदी के किनारे पांच किलोमीटर चौड़े कॉरिडोर में स्थित किसानों की जमीन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
-
धरती को तबाह कर रहे हैं जहरीले कीटनाशक
जहर की चपेट में कामगार
दुनिया में हर साल कीटनाशकों के जहर से बीमार होने के 38 करोड़ से भी अधिक मामले सामने आते हैं. इनमें सबसे ऊपर है एशिया. फिर अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका का नंबर आता है. कीटनाशकों का इस्तेमाल करने वाले ज्यादातर किसान या कामगार छिड़काव के दौरान सुरक्षित रखने वाले कपड़े और मास्क भी नहीं पहनते हैं.
-
धरती को तबाह कर रहे हैं जहरीले कीटनाशक
गंभीर बीमारियां
निकारागुआ के चिचिगाल्पा में कई पुरुषों को किडनी की गंभीर बीमारी है. गन्ने की खेतों में छिड़के जाने वाले पेस्टीसाइड्स इसकी वजह हैं. दुनिया भर में पीने के पानी और फूड चेन में कीटनाशकों का मिलना आम हो चुका है. कई शोध साबित कर चुके हैं कि इन कीटनाशकों के कारण भी कैंसर समेत कई बीमारियां फैल रही हैं.
-
धरती को तबाह कर रहे हैं जहरीले कीटनाशक
खतरे में जैव विविधता
अनचाहे कीटों और पौधों को मारने के लिए कीटनाशक और अन्य रसायन छिड़के जाते हैं. लेकिन इनकी चपेट में उस इलाके के सभी कीट और पौधे जाते हैं. मधुमक्खियों और चिड़ियों पर भी कीटनाशकों का बुरा असर देखा गया है. लंबे समय तक ऐसा होने पर उस इलाके से कीटों और पौधों की कई प्रजातियां उजड़ जाती हैं.
-
धरती को तबाह कर रहे हैं जहरीले कीटनाशक
आंतों के फायदेमंद बैक्टीरिया पर हमला
एक अहम शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि केले के फूलों से रस चूसने वाले चमगादड़ों की आंत में अच्छे बैक्टीरिया घट गए. इनके उलट आहार के लिए जंगल पर निर्भर चमगादड़ों की आंत में ऐसे सूक्ष्मजीवों की संख्या अच्छी खासी थी. आंतों के अच्छे बैक्टीरिया इंसान और जानवरों के स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभाते हैं
-
धरती को तबाह कर रहे हैं जहरीले कीटनाशक
खतरनाक कीटनाशकों के निर्यात पर रोक?
घातक रसायनों से बचाव के मामले में भारत के खेतों में काम करने वाले लोग यूरोप के मुकाबले पीछे हैं. यूरोप में कुछ बेहद जहरीले कीटनाशकों का इस्तेमाल करने पर बैन है, लेकिन यूरोपीय निर्माता बायर और बीएएसएफ को ऐसे जहरीले रसायनों का निर्यात करने की छूट है.
-
धरती को तबाह कर रहे हैं जहरीले कीटनाशक
बिना रसायानों के खेती
रासायनिक कीटनाशकों के अंधाधुंध इस्तेमाल को रोकने के लिए अब कई देशों में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. खेती के इस सैकड़ों साल पुराने तरीके में कीटों, पक्षियों और पशुओं के साथ मिलकर स्वस्थ ईकोसिस्टम बरकरार रखा जाता है. भारत और नेपाल में गोमूत्र, गोबर और नीम का इस्तेमाल सदियों पुराना है. (ओएसजे/आरपी)
रिपोर्ट: गेरो रुइटर
वैसे बजट प्रावधानों के अनुसार इस साल में सरकार एक करोड़ 63 लाख किसानों से 1208 टन गेहूं और धान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की दरों पर खरीदेगी. इसके लिए सरकार ने 2.37 लाख करोड़ रुपये का इंतजाम किया है.
वित्त मंत्री ने जो भी ऐलान किया हो लेकिन कृषि बजट में ना के बराबर आवंटन वृ्द्धि की है. तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसानों की नाराजगी सरकार के प्रति खत्म नहीं हुई और वे सरकार से अपने वादों को पूरा करने की मांग करते आए हैं.
-
आम आदमी के लिए क्या लेकर आया बजट
आयकर में कोई बदलाव नहीं
मिडल क्लास परिवार को बजट में हर साल टैक्स में राहत की उम्मीद रहती है, लेकिन इस बार के बजट में इनकम टैक्स की दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
-
आम आदमी के लिए क्या लेकर आया बजट
आईटीआर गलती में सुधार का मौका
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आयकर रिटर्न अपडेट करने के लिए करदाता को ज्यादा मौका मिलेगा. करदाता जुर्माना भरकर पिछले 2 साल का इनकम टैक्स रिटर्न अपडेट कर सकता है.
-
आम आदमी के लिए क्या लेकर आया बजट
डाकघर होंगे डिजिटल
डिजिटल बैंकिंग को हर नागरिक तक पहुंचाने के उद्देश्य से देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां शुरू होंगी. सभी 1.5 लाख डाकघरों को कोर बैंकिंग सिस्टम में शामिल किया जाएगा. ये डाकघर नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एटीएम इत्यादि की भी सुविधा देंगे. डाकघर खातों व बैंक खातों के बीच ऑनलाइन फंड ट्रांसफर भी किया जा सकेगा.
-
आम आदमी के लिए क्या लेकर आया बजट
भारत में आएगी डिजिटल करेंसी
सरकार इस साल डिजिटल करेंसी शुरू करेगी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया डिजिटल रुपया लॉन्च करेगा. डिजिटल करेंसी के लिए ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा.
-
आम आदमी के लिए क्या लेकर आया बजट
क्रिप्टो से कमाई पर मोटा टैक्स
क्रिप्टोकरंसी को लेकर भारत में निवेशकों के बीच काफी उत्साह है लेकिन सरकार ने इसे अब तक मान्यता नहीं दी है. लेकिन बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा है कि क्रिप्टोकरंसी से कमाई पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगेगा. यही नहीं क्रिप्टोकरंसी अगर उपहार के रूप में दी जाए, तो उपहार लेने वाले को अब इस पर कर देना होग.
-
आम आदमी के लिए क्या लेकर आया बजट
क्या हुआ सस्ता
बजट में कुछ सामान सस्ता करने का ऐलान भी किया गया है. चमड़े का सामान सस्ता होगा, मोबाइल फोन, चार्जर सस्ते होंगे. हीरे के गहने भी सस्ते हो जा रहे हैं.
-
आम आदमी के लिए क्या लेकर आया बजट
भारत में 5जी की एंट्री
5जी मोबाइल सेवाओं को शुरू करने के लिए 2022 में स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाएगी.
-
आम आदमी के लिए क्या लेकर आया बजट
डिजिटल शिक्षा पर जोर
कोरोना महामारी के मद्देनजर वित्त मंत्री ने अपने बजट में डिजिटल शिक्षा और ऑनलाइन लर्निंग पर बहुत जोर दिया. देश में डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना होगी. साथ ही पीएम ई विद्या के प्रोग्राम 'वन क्लास, वन टीवी चैनल' के तहत टीवी चैनलों की संख्या 12 से बढ़ाकर 200 की जाएगी.
-
आम आदमी के लिए क्या लेकर आया बजट
80 लाख परिवारों को मिलेंगे सस्ते घर
2022-23 में पीएम आवास योजना के लाभार्थियों के लिए 80 लाख मकानों का निर्माण पूरा किया जाएगा. साथ ही 3.8 करोड़ घरों में नल से जल पहुंचाने के लिए 60 हजार करोड़ रुपये का आबंटन किया जाएगा.
-
आम आदमी के लिए क्या लेकर आया बजट
आने वाला है ई-पासपोर्ट
2022-23 में भविष्य की तकनीक से युक्त ई-पासपोर्ट जारी करेगी सरकार. इससे नागरिकों को विदेश यात्रा में सुविधा मिलेगी. ई-पासपोर्ट सामान्य तौर पर आपके रेगुलर पासपोर्ट का डिजिटल रूप होगा.
-
आम आदमी के लिए क्या लेकर आया बजट
किसान ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा
फसल का मूल्यांकन करने, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण, कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए किसान ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा.
-
आम आदमी के लिए क्या लेकर आया बजट
राष्ट्रीय स्वास्थ्य डिजिटल इकोसिस्टम
राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम के लिए एक खुला मंच तैयार किया जाएगा. इसमें स्वास्थ्य प्रदाताओं के लिए डिजिटल रजिस्ट्रियां, यूनीक हेल्थ पहचान और स्वास्थ्य सुविधाओं तक सार्वभौमिक पहुंच शामिल होगी.
-
आम आदमी के लिए क्या लेकर आया बजट
400 नई वंदे भारत ट्रेनें
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि अगले तीन वर्षों में वंदे भारत श्रेणी की 400 नई ट्रेनें चलाई जाएंगी.
रिपोर्ट: आमिर अंसारी