कई कंपनियों का एक समूह जेट एयरवेज का नया मालिक है. समूह के प्रतिनिधियों ने सोमवार को कंपनी को फिर से शुरू करने की एक योजना की घोषणा की, जिसके तहत कंपनी को 2021 में गर्मियों तक फिर से शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है. नए मालिकों के समूह का यूके की एसेट प्रबंधन कंपनी कैलरॉक कैपिटल और यूएई के व्यवसायी मुरारी लाल जालान नेतृत्व कर रहे हैं.
जेट को फिर से खड़ा करने की उनकी योजना को लेकर समूह ने कहा, "जेट 2.0 कार्यक्रम का लक्ष्य है जेट के बीते हुए गौरव को वापस लाना." जेट कभी भारत की सबसे बड़ी विमानन कंपनी थी, लेकिन पीछे कुछ सालों में धीरे धीरे घाटे में जाने लगी थी. अप्रैल 2019 में कंपनी दिवालिया घोषित हो गई और फिर अक्टूबर 2020 में इस समूह ने एक हजार करोड़ रुपए की बोली लगा कर उसे खरीद लिया.
हालांकि, कंपनी से संबंधित सभी मामले अभी भी दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया की देख रेख करने वाले ट्रिब्यूनल नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के अधीन हैं. इसलिए जेट के लिए जो योजना उसके नए मालिकों ने बनाई है वो एनसीएलटी और डीजीसीए जैसे रेगुलेटरों की अनुमति के बाद ही लागू हो पाएगी.
जेट एयरवेज के पूर्व अध्यक्ष नरेश गोयल.
जेट के ऊपर करीब 21,000 लेनदारों के 44,000 करोड़ रुपए बकाया हैं. मीडिया में आई खबरों के अनुसार नए मालिकों ने शुरू में करीब 390 करोड़ रुपए और फिर पहले साल में करीब 650 करोड़ रुपए और देने की पेशकश की है. जेट के हिस्से के उड़ान के सभी स्लॉट भी दूसरी कंपनियों को दिए जा चुके हैं.
उन्हें वापस हासिल करना भी नए मालिकों के सामने एक बड़ी चुनौती होगी. महामारी के दौरान यात्राएं रुक जाने की वजह से भारत ही नहीं पूरी दुनिया में विमानन क्षेत्र सबसे प्रभावित क्षेत्रों में से रहा है. ऐसे में जेट के नए मालिकों के लिए कंपनी को नए सिरे से खड़ा करना एक चुनौती से कम नहीं होगा.
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असली जम्बो जेट के 50 साल
नाम ही काफी है
ब्रिटिश एयरवेज का एक जम्बो जहाज लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर उतरने की तैयारी में. इसके आकार को देख कर समझ में आता है कि 747 मॉडल को जल्द ही "जम्बो जेट" का उपनाम क्यों मिल गया. चार इंजनों वाला यह विमान बहुत बड़ा था.
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असली जम्बो जेट के 50 साल
पुरानी यारी
बोइंग के अध्यक्ष बिल एलेन (बाएं) और अमेरिकी एयरलाइन पैन ऐम के प्रमुख खुआन ट्रिपे बोइंग 747 की पहली उड़ान के बाद. दोनों की दोस्ती काफी पुरानी थी. कहते हैं कि ट्रिपे ने एलेन को पहले ही कह दिया था कि अगर वे इतना बड़ा विमान बनाते हैं तो वे उसे खरीदेंगे.
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ग्लैमरस उड़ान
नई 747 की तारीफ केवल उसकी तकनीकी नवीनता के कारण ही नहीं बल्कि उसके ग्लैमर के लिए भी हुई. उसमें कॉकटेल पिलाने के लिए लाउंज था और आरामदायक यात्रा करने का सारा इंतजाम भी. 70 मीटर लंबा और पंखों पर करीब 60 मीटर चौड़ा यह विमान 366 से 550 यात्रियों को ले जा सकता था.
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मुसीबतें भी कई
दुर्घटनाओं के रूप में इसे कई मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा. 1974 में नैरोबी से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद क्रैश हुए बोइंग 747 में 59 लोगों की जान चली गई. सन 1977 में दो जम्बो टेनेरीफ एयरपोर्ट आपस में टकरा गए और इसमें 583 लोगों की जान चली गई. 1988 में हुई एक दुर्घटना में 270 जानें गईं थी.
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कूबड़ वाला जहाज
इसके डिजाइन में खास फीचर ऊपरी डेक है, जो किसी विमान की पीठ पर कूबड़ जैसा लगता है. विमान का कॉकपिट उसी में होता है. इसी फीचर के कारण जम्बो जेट के मालवाहक स्वरूप में काफी ज्यादा सामान ढोया जा सकता है. आजकल तो ऐसे चार इंजन वाले जम्बो जेट के केवल मालवाहक रूप ही बेचे जाते हैं.
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असली जम्बो जेट के 50 साल
स्पेस शटल भी ढोया
2012 में अमेरिकी स्पेस शटल डिस्कवरी ने ऐसे ही विशाल जम्बो जेट की पीठ पर सवारी की. असल में शटल कैरियर एयरक्राफ्ट दो बोइंग 747-100s को अलग रूप में ढालकर बनाया गया था.
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असली जम्बो जेट के 50 साल
'एयर फोर्स वन' से 'क्वीन ऑफ स्काईज' तक
आज तक बने 1,548 बोइंग 747 में से कुछ गिने चुने ही "एयर फोर्स वन" कहलाए हैं. राष्ट्रपति ट्रंप ने अगला राष्ट्रपति विमान भी 747 मॉडल जैसा ही मंगवाया है. जापान के राजा हों या ब्रुनेई के सुल्तान सब इसी जम्बो जेट को अपनी शाही सवारी बनाए हुए हैं. ब्रुनेई के सुल्तान इसे 'क्वीन ऑफ स्काईज' कहते हैं.
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असली जम्बो जेट के 50 साल
उड़ने वाला डायनासोर
इससे भी बड़े एयरबस ए380 के आने के बाद (तस्वीर में आगे), बोइंग 747 एयरलाइंस के लिए उतना फायदे का सौदा नहीं रहा. लंबी दूसरी की उड़ानों पर यात्रियों के लिए दो इंजिन वाले ए350, बोइंग 777 और 787 को ज्यादा तरजीह मिलने लगी. (क्लाउस उलरिष/आरपी)