नोबेल विजेताओं का जमावड़ा
1951 से अब तक
जर्मनी के शहर लिंडाऊ में 63वीं बार नोबेल विजेताओं का सम्मलेन हो रहा है. इस बार केमिस्ट्री पर ध्यान दिया जा रहा है. 1951 से हर साल यहां यह सम्मलेन होता आ रहा है.
दुनिया भर से
सम्मलेन में इस बार 11 देशों से 35 नोबेल विजेता शामिल हुए हैं जिन्हें सुनने के लिए 77 देशों से 626 युवा रिसर्चर पहुंचे हैं. सम्मलेन 30 जून से 5 जुलाई तक चलेगा.
शाही उद्घाटन
काउंटेस बेटीना बेर्नाडॉट ने सम्मलेन का उद्घाटन किया. उद्घाटन से पहले वह 18 नोबेल विजेताओं से भी मिलीं.
भारत से शिरकत
इस साल भारत से 38 युवा रिसर्चर लिंडाऊ पहुंचे हैं. इनमें से कई पीएचडी कर चुके वैज्ञानिक हैं तो कुछ यूनिवर्सिटी के छात्र भी हैं. वेणुका गोयल प्रोटीन की संरचना पर शोध कर रही हैं.
एजुकेट, इंस्पायर, कनेक्ट
इस नारे के साथ यह सम्मलेन किया जाता है. पैनल डिस्कशन के दौरान युवा रिसर्चरों के पास नोबेल विजेताओं से सवाल करने का मौका होता है.
लेक्चर और वर्कशॉप
इस बार ग्रीन केमिस्ट्री, भविष्य की दवाएं और ऊर्जा की नई तकनीक मुख्य केंद्र हैं. लेक्चर के दौरान भारत से नेहा अरोड़ा और सारिका गोयल.
साझेदार दक्षिण कोरिया
इस साल दक्षिण कोरिया साझेदार देश है, इसलिए रंगारंग कार्यक्रम में वहां की झलक देखने को मिली.
सांस्कृतिक कार्यक्रम
ना केवल रिसर्चर यहां आ कर शोध के विषयों पर चर्चा कर रहे हैं, बल्कि संस्कृतियों को भी समझ रहे हैं.
चर्चा में
एक दूसरे से और नोबेल विजेताओं से मिल कर चर्चा करने के लिए 'साइंस ब्रेकफास्ट' भी आयोजित किया गया. देबाशीष मन्ना थायरॉइड पर शोध कर रहे हैं जो आयोडीन की कमी से होता है.
खूबसूरत लिंडाऊ
लिंडाऊ जर्मनी के सबसे दक्षिणी छोर पर लेक कोस्टांस पर बसा छोटा सा टापू है जो जर्मनी, स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया की सीमा पर स्थित है.