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दुनिया के सबसे विशाल उड़ने वाले जानवर का जीवाश्म मिला

एस्तेबान पार्दो
२६ फ़रवरी २०२२

मध्य जुरासिक काल में उड़ने वाले सबसे बड़े जानवर का कंकाल स्कॉटलैंड के स्काई आइल में मिला है. रिसर्चरों का कहना है कि ब्रिटिश इतिहास में ये सबसे अच्छे ढंग से संरक्षित जीवाश्मों में से एक है.

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उड़ने वाला विशालकाय जीव जार्क स्काईअनआक
जार्क स्काईअनआकतस्वीर: Natalia Jagielska

स्कॉटलैंड बादलों के मौसम और अनवरत बारिश के लिए मशहूर है. 17 करोड़ साल पहले वो ज्यादा गरम और उष्ण था. और उसके आकाश में उड़ान भरते थे ढाई मीटर विस्तार वाले विशाल डैनों से लैस महाकाय सरीसृप.

उत्तरपश्चिम स्कॉटलैंड में आइल ऑफ स्काई में रिसर्चरों ने एक जीवाश्म की खोज से ये पता लगाया है. पिछले दिनों करंट बायोलजी जर्नल में प्रकाशित उस खोज के निष्कर्षों में बताया गया है कि मध्य जुरासिक काल का ये सबसे बड़ा प्टेरोसॉर था.

नयी प्रजाति को नाम दिया गया है- जार्क स्काईअनआक. यह स्कॉटी गाइलिक मूल का एक शब्द है जिसके दो मतलब होते हैं- "पंखों वाला सरीसृप” या "आसमान का सरीसृप.”

जीवाश्म विज्ञानी स्टीफन ब्रुसेट ने डीडब्ल्यू को बताया, जो कंकाल मिला है वह एक आला दर्जे का स्कॉटी जीवाश्म है. एडिनबरा यूनिवर्सिटी में जीवाश्म विज्ञानी स्टीफन, 2017 में नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी के अनुदान वाले उस अभियान के अगुआ थे जिसने "जार्क” को खोजा था.

जीवाश्म की संरक्षित अवस्था की खूबियों का उल्लेख करते हुए उनका कहना है कि "स्कॉटलैंड में मिले किसी पेत्रोसॉर से कहीं अधिक जानदार यह कंकाल था और संभवतः शुरुआती 19वीं सदी में मैरी एनिंग के दिनों के बाद से अब तक का सर्वश्रेष्ठ इलाकाई कंकाल है.”

प्टेरोसॉर का जीवाश्म
चूने पत्थर में दबा मिला जीवाश्मतस्वीर: Gregory Funston

मैरी एनिंग शुरुआती 19वीं सदी की एक मशहूर अंग्रेज जीवाश्मविज्ञानी थीं. उन्होंने कई जीवाश्मों की खोज की थी. जिसमें जर्मनी के बाहर मिला पहला पेत्रोसॉर कंकाल भी था.

ये उड़ते सरीसृप हैं, डायनासोर नहीं

उड़ने वाले सरीसृप, प्टेरोसॉर या प्टेरोडक्टाइल 22 करोड़ 80 लाख साल पहले ट्रियासिक काल के आखिरी चरण से लेकर 6 करोड़ 60 लाख पहले क्रेटेसियस काल के अंत तक अस्तित्व में थे. उसी दौरान एक एस्टेरॉयड ने धरती पर कमोबेश तमाम जीवन को नष्ट कर दिया था. प्टेरोसॉर उड़ने वाले पहले कशेरुकी यानी रीढ़ वाले जानवर थे. "द लैंड बिफोर टाइम” फिल्म ऋंखला को देखते हुए बड़े हुए लोग इस बात से पहले से वाकिफ होंगे क्योंकि उस फिल्म का एक प्रमुख किरदार पेट्री एक प्टेरोसॉर था.

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सुनने में भले ही लगे लेकिन प्टेरोसॉर, डायनासोर नहीं हैं. बेशक वे उनके नजदीकी बंधु हैं और एक ही सरीसृप वंशवृक्ष की अलग शाखा से निकले हैं. इस जीवाश्म की खोज से पहले, वैज्ञानिक सोचते थे कि ट्राइएसिक और जुरेसिक कालों के दरमियान प्टेरोसॉर बामुश्किल ही 1.6 मीटर से अधिक बड़े होते थे. हालांकि ब्रुसेट अब कहते हैं, "अब हमें पता है कि वे और भी ज्यादा बड़े होने की क्षमता रखते थे.”

एक बेहद दुर्लभ जीवाश्म

2017 में इस जीवाश्म को तत्कालीन पीएचडी छात्रा एमिलिया पेनी ने स्काइ आइल पर ब्रदर्स प्वायंट नाम की जगह पर देखा था. उन्होंने एक चूना पत्थर पर जबड़े का एक हिस्सा और दांत उभरे हुए देखे थे.

ब्रुसेट कहते हैं कि टीम के सदस्य तब और रोमांचित और उत्साहित हो गए जब उन्होंने पाया कि वह सिर्फ खोपड़ी नहीं बल्कि एक पूरा कंकाल था. उन्होंने बताया कि चट्टान से जीवाश्म को छुड़ाना एक बड़ी चुनौती थी क्योंकि लहरें भी तेजी से उठ आती थीं इसलिए उन्हें आधी रात तक का इंतजार करना पड़ा जब पानी घट गया और उसके बाद चट्टान काटकर जीवाश्म निकालने का काम पूरा किया जा सका.

प्टेरोसॉर
वैज्ञानिकों के मुताबिक कुछ ऐसा दिखता होगा प्टेरोसॉर जो डायनासोर नहीं हैतस्वीर: Natalia Jagielska

जीवाश्म को रात में वहीं छोड़कर आना पड़ा. अगली सुबह पूरी खुदाई शुरू हुई. ब्रुसेत के मुताबिक वे लोग यही दुआ कर रहे थे कि इस चक्कर में बेशकीमती जीवाश्म कहीं कुचला ना जाए.

रिसर्च रिपोर्ट की प्रमुख लेखिका नतालिया जागीलस्का ने डीडब्ल्यू को बताया कि एक और चीज जो इस जीवाश्म को इतना दुर्लभ बनाती है वो यह है कि मध्य जुरासिक काल के जीवाश्मों का मिलना ही कठिन है और प्टेरोसॉर को खोजना तो और भी मुश्किल है.

नतालिया कहती हैं, "फॉसिल रिकॉर्ड में वे बहुत ही कम संरक्षित रखे गए हैं. वे बहुत बहुत ज़्यादा नाजुक हैं, उनकी हड्डियां बहुत पतली होती हैं और चूर हो जाती हैं.”

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कैसा दिखता होगा जार्क 

आखिर जार्क स्काईअनआक कैसा दिखता होगा? उसके जीवाश्म के संरक्षण का काम तो आला दर्जे का था फिर भी उसके कई हिस्से नहीं मिल पाए थे. इसीलिए, जागीलस्का के मुताबिक, उसकी शक्लोसूरत का एक अनुमान लगाने के लिए कुछ जासूसी तो कुछ फोरेन्सिक किस्म की जुगत लगाना पड़ी. टीम ने बहुत सारे अलग अलग संग्रहालयों में रखे दूसरे बहुत सारे प्टेरोसॉर जीवाश्मों की मदद से रिक्त स्थान को भरने की और पहेली बुझाने की कोशिश की.

जागीलस्का चित्रकार भी हैं. उन्होंने प्टेरोसॉर को कुछ ऐसे जीव की तरह चित्रित किया है जिसकी चार टांगें और ढाई मीटर फैलाव वाले डैने हैं. वह करीब करीब अल्बट्रोस जैसा दिखता है. उसके आगे के हाथ पंखों में तब्दील हो गए थे और पिछले पांवों से काफी बड़े थे. और उसमें चार अंगुलियां थीं, चौथी वाली काफी चौड़ी थी जिसकी मदद से वो अपने झिल्लीदार पंखों को फैलाता होगा, जैसे कि आज के चमगादड़. संतुलन के लिए उसके पास एक लंबी पूंछ भी थी और बहुत नुकीले दांत भी थे जो शायद मछली पकड़ने के लिए थे.

नतालिया जागीलस्का
नतालिया जागीलस्का जीवाश्म के टुकड़े को दिखा रही हैंतस्वीर: Stewart Attwood/AP/picture alliance

उसकी खोपड़ी का गहराई से अध्ययन करने से पता चला कि उसकी नजर शायद बहुत तेज रही होगी और संतुलन का उसमें एक अच्छा बोध होगा. जागीलस्का के मुताबिक उड़ने वाले जीव के लिए ये दोनों खूबियां काफी मददगार होती हैं.

जीवाश्म के अध्ययन से ये भी मालूम हुआ कि वो कंकाल किसी वयस्क का नहीं था. हड्डियों की माइक्रोस्कोप से छानबीन में स्कॉटलैंड के शोधकर्ताओं ने पाया कि जार्क स्काईअनआक बड़ा हो ही रहा था.

जागीलस्का कहती हैं कि स्कॉटलैंड के राष्ट्रीय संग्रहालय में प्रदर्शन के लिए रखे गए जीवाश्म को देखने आ रहे लोगों से वो यही चाहती हैं कि एक पल के लिए वे ये जरूर सोचें कि उनके सामने 17 करोड़ साल पहले स्कॉटलैंड के आसमान पर उड़ने वाले एक जानवर के "अपनी तमाम खूबियों के साथ संरक्षित” अवशेष रखे हैं.

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