तीन अमेरिकी राज्यों में इमरजेंसी
१ मई २०१०शुक्रवार को लहरों के साथ बह रहे कच्चे तेल की वजह से अलाबामा सरकार ने इमरजेंसी की घोषणा कर दी है. आपातकाल की घोषणा करते हुए गवर्नर बॉब रिले कहा कि, ''हमारे पर्यावरण और अर्थव्यवस्था को गंभीर ख़तरा है.'' इससे शुक्रवार को ही पहले फ्लोरिडा और लुइसियाना राज्यों में भी इमरजेंसी लगा दी गई. मैक्सिको की खाड़ी के पास 20 अप्रैल को अमेरिकी ऑयल प्लेटफॉर्म में विस्फोट हुआ था. तब से हर दिन 9,55,000 लीटर कच्चा तेल समुद्र में बह रहा है.
ऑयल प्लेटफॉर्म चलाने का काम ब्रिटेन की कंपनी बीपी करती है. कंपनी क़रीब विस्फोट के बाद से ही रिसाव बंद करने की कोशिश में जुटी है, लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है. रिसाव क़रीब पांच हज़ार फीट की ग़हराई पर तीन अलग अलग जगहों से हो रहा है. आपदा रोकने के लिए अमेरिकी सेना की मदद भी ली जा रही है. विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि मौजूदा रिसाव के परिणाम 1989 के एक्ज़ॉन वाल्डज़ हादसे भी गंभीर होने जा रहे हैं.
इस बीच ब्रिटिश कंपनी पर भी अब कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है. शुक्रवार को दो सांसदों की एक समिति बनाई गई है. यह समिति इस बात की जांच करेगी कि बीपी ने बड़े रिसाव को रोकने के लिए कैसे कदम उठाए. विस्फोट से पहले कंपनी किस तरह के सुरक्षा इंतज़ामों के साथ चल रही थी, इस बात की जांच भी होगी. समिति ने बीपी से हादसे और बचाव की कोशिशों पर बयान मांगा है.
लुइसियाना, अलबामा और कुछ अन्य जगहों पर बीपी के ख़िलाफ़ मुक़दमे दर्ज हो गए हैं. कंपनी पर आरोप है कि उसने बड़े तेल रिसाव को रोकने में लापरवाही दिखाई. कुछ ही दिन पहले पता चला था कि रिसाव अनुमान से पांच गुना ज़्यादा हो रहा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एस गौड़