डॉर्टमुंड छठी बार जर्मन कप फाइनल में
१६ अप्रैल २०१४मंगलवार को हुए मुकाबले में डॉर्टमुंड की ओर से पहला गोल दागा हेनरिक मिकीतारयान ने और उसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए रोबर्ट लेवांडोवस्की ने इस मैच का दूसरा और डॉर्टमुंड के लिए अपना 100वां व्यक्तिगत गोल मारा. वैसे तो डॉर्टमुंड की टीम ने मैच पर शुरु से ही अपनी पकड़ बनाई हुई थी लेकिन वोल्फ्सबुर्ग को भी कई मौके मिले लेकिन खिलाड़ी उन मौकों का लाभ नहीं उठा पाए. मैच खत्म होने के बाद डॉर्टमुंड के कोच युर्गेन क्लॉप ने कहा, "मैं मानता हूं कि यह जीत पिछले कई हफ्तों की हमारी कड़ी मेहनत का इनाम है. हम काफी भाग्यशाली रहे."
पहला गोल मैच शुरू होने के बारहवें मिनट में ही हो गया. डॉर्टमुंड की बढ़त को रोकने की कोशिश करते हुए अगले ही मिनट वोल्फ्सबुर्ग के जूनियर मलांडा ने एक हेडर खेला जो गोल पोस्ट से टकरा गई. मलांडा ने मैच के 75वें मिनट पर फिर गोल दागने की कोशिश की जो बेकार गई. खेल के 81वें मिनट में मलांडा के शॉट को डॉर्टमुंड के गोलकीपर रोमान वाइडेनफेलर ने रोक दिया. वोल्फ्सबुर्ग के गुस्तावो ने बॉल को फिर से गोल पोस्ट में डालने की कोशिश की लेकिन वह पोस्ट से टकरा कर वापस लौट गई. इसी शॉट के दौरान हुए गुत्थमगुत्थे में डॉर्टमुंड के डिफेंडर सोक्राटिस मलांडा के दाहिने पैर से टकराकर घायल हो गए और उनकी जगह दूसरे खिलाड़ी को बुलाना पड़ा.
हाल ही में हुए चैंपियंस लीग के एक मैच में डॉर्टमुंड ने रियाल मैड्रिड को 2-0 से और वीकएंड में खेले गए बुंडेसलीगा के मुकाबले में बायर्न म्यूनिख को 3-0 से हराया था. बीते कुछ दिनों में मिली जीतों के बाद डॉर्टमुंड की टीम मंगलवार के सेमी फाइनल में काफी आत्मविश्वास के साथ उतरी. शानदार फॉर्म में चल रही टीम ने इसी लीग में केवल 10 दिन पहले हुए मुकाबले में वोल्फ्सबुर्ग को 2-1 से मात दी थी.
डॉर्टमुंड के डिफेंडर माट्स हुमेल्स ने कहा, "यह बहुत नजदीकी मुकाबला था. हमारी किस्मत ने साथ दिया कि वोल्फ्सबुर्ग की टीम स्कोर नहीं कर पाई." इस मैच के शुरू होने के ठीक पहले ही डॉर्टमुंड ने घोषणा की थी कि वह अपने घायल मिडफील्डर इल्काय गुंडोआन का कॉन्ट्रैक्ट एक और साल के लिए बढ़ा रहा है. पीठ की एक नस के दब जाने के कारण इस सीजन में गुंडोआन सिर्फ दो ही बार मैदान में उतर पाए हैं.
दूसरी ओर जर्मन कप के दूसरे सेमी फाइनल में बुधवार को 16 बार जर्मन कप जीत चुका बायर्न म्यूनिख और काइजर्सलाउटर्न आमने सामने होंगे. काइजर्सलाउटर्न की टीम भी 1990 और 1996 में कप जीत चुकी है. डॉर्टमुंड ने 2012 में बायर्न को हराकर फाइनल जीता था लेकिन पिछले सीजन में वह क्वार्टर फाइनल के आगे नहीं बढ़ पाया. बुधवार के नतीजों के बाद यह साफ हो जाएगा कि 17 मई को बर्लिन में जर्मन कप के फाइनल में क्या एक बार फिर डॉर्टमुंड का मुकाबला बायर्न म्यूनिख से होगा.
आरआर/एमजे(एपी, डीपीए)