टैटू: शान के बाद शर्मिंदगी
१० मार्च २०१५किशोरावस्था से जवानी में कदम रखते हुए जिंदगी जोश से लबरेज मालूम पड़ती है. कई युवा इस दौरान बांह, पीठ, छाती, गर्दन, कंधे, नितम्ब या एड़ी पर टैटू गुदवाते हैं. इस दौरान कई लोग टैटू के रूप में अपने पहले प्रियतम का नाम चुनते हैं.
लेकिन करीब करीब 10 साल गुजरने के बाद कईयों के लिए ऐसे टैटू शर्मिंदगी का कारण बन जाते हैं. प्रियतम या तो बिछुड़ या बदल चुके होते हैं. फिर टैटू या तो छुपाना पड़ता है या उसे मिटाना पड़ता है. तीसरा तरीका है हमेशा उसे ढंके रहना. तब एक नई समस्या सामने आती है.
जर्मन सोसाइटी फॉर एस्थेटिक प्लास्टिक सर्जरी के मुताबिक टैटू को पूरी तरह मिटाना नामुमकिन है. टैटू मिटाने में आम तौर पर एक से डेढ़ हजार यूरो का खर्च आता है, लेकिन इसके बावजूद टैटू की हल्की छाप छूट ही जाती है.
जर्मन सोसाइटी फॉर एस्थेटिक प्लास्टिक सर्जरी के मुताबिक टैटू मिटाने के लिए लेजर ट्रीटमेंट किया जाता है. लेकिन पुराना टैटू शरीर की भीतरी कोशिकाओं तक छप चुका होता है. लेजर के द्वारा इतनी गहराई पर जाकर इसे मिटाना स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा नहीं माना जाता. यही कारण है कि लेजर सिर्फ बाहरी त्वचा से टैटू को मिटाता है और भीतरी परत पर पड़ी छाप बरकरार रहती है.
वैज्ञानिकों ने युवाओं को नसीहत देते हुए कहा है कि वे टैटू गुदवाने से पहले इन बातों के बारे में भी सोचें.
ओएसजे/आरआर (डीपीए)