जर्मन संसद में यूरो बचाव पैकेज को मंज़ूरी
२१ मई २०१०अंत तक साफ नहीं था कि संसद में बिल को मंज़ूरी मिलेगी या नहीं. वित्तीय मुश्किल में पड़े यूरोपीय देशों की मदद के लिए यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में 750 अरब यूरो का एक कोष बनाया है जिसमें जर्मनी 148 अरब यूरो की गारंटी देगा.
लेकिन बुंडेसटाग में जब मतदान हुआ तो सत्ताधारी मोर्चे के सांसदों के बहुमत से यूरो बचाव पैकेज बच गया. सांसदों का नाम लेकर हुए मतदान में 319 सांसदों ने बिल के पक्ष में मत दिया.
मोर्चे के दस सांसदों ने बिल का समर्थन नहीं किया. उनमें बुंडेसटाग के उपाध्यक्ष और एफ़डीपी नेता हरमन ऑटो जोल्म्स भी शामिल थे. बुंडेसटाग के अध्यक्ष और सीडीयू के नॉर्बर्ट लामर्ट ने संशय व्यक्त करते हुए एक बयान दिया लेकिन बिल के पक्ष में मत दिया. बिल के समर्थन में विपक्ष का एक भी वोट नहीं आया. वामपंथी डी लिंके ने बिल का विरोध किया तो एसपीडी और ग्रीन पार्टी तटस्थ रहे.
बिल में संसद में गरमागरम बहस हुई. एसपीडी के अध्यक्ष ज़िगमार गाब्रिएल ने जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल पर स्पष्ट नीति न होने का आरोप लगाया, "आपकी कोई लाइन नहीं है, आपका कोई लक्ष्य नहीं है, आपको पता नहीं है कि इस देश और यूरोप को लेकर कहां जाना है, यही आपकी सरकार के सात महीनों का लेखाजोखा है."
उप चांसलर और विदेशमंत्री गीडो वेस्टरवेले ने बहस को घरेलू बहस से दूर ले जाते हुए कहा, "सवाल यह है कि यूरोप खड़ा रहे या गिरे, आज यह मुद्दा है." वित्त मंत्री वोल्फ़गांग शौएब्ले ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बदले यूरोप की वक़ालत करते हुए समर्थन की अपील की और कहा, "हम एक कार्यक्षम मजबूत यूरोप चाहते हैं, हम स्थिरता चाहते हैं."
बिल के ख़िलाफ़ एकजुट होकर मत देने वाली एकमात्र पार्टी डी लिंके के नेता ग्रेगोर गीज़ी ने सवाल पूछा कि यूरोप के वित्त मंत्रियों को एक ख़ास समय तक फ़ैसला लेना पड़ता है क्योंकि उसके बाद टोकियो शेयर बाज़ार खुल जाएगा. "क्या आप समझते नहीं हैं कि इससे लोकतंत्र कोसनुकसान पहुंचेगा." ग्रेगोर गीज़ी की दलील.
मतदान के बाद सत्तापक्ष ने राहत की सांस ली. बुंडेसटाग के फ़ैसले के तुरंत बाद बिल को संसद के ऊपरी सदन बुंडेसराट में भेज दिया गया जहां बहस के बाद उसे आज ही पास कर दिया गया. बिल पर हुई बहस में सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी के मुख्य मंत्री कुर्ट बेक ने बचाव पैकेज पर सरकार के रवैये की आलोचना की और कहा कि बहुत से सवाल अनुत्तरित हैं. बेक ने साफ किया कि एसपीडी शासित प्रदेश संशय के बावजूद बिल में बाधा नहीं डालेंगे ताकि यूरोक्षेत्र को कोई नुकसान न पहुंचे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: आभा मोंढ़े