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जर्मन विदेश नीति के मूल में है इस्राएल की सुरक्षाः जर्मनी

९ अप्रैल २०२४

जर्मनी का कहना है कि उसकी विदेश नीति में इस्राएल की सुरक्षा मूलभूत रूप से शामिल है. संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय अदालत में जर्मनी ने जोर दे कर यह बात कही है. उसने निकारागुआ के आरोपों से इंकार किया है.

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द हेग की अंतरराष्ट्रीय अदालत में जर्मनी की दलीलों को सुनते जज
अंतरराष्ट्रीय अदालत में जर्मनी ने मंगलवार को अपनी दलील पेश कीतस्वीर: Patrick Post/AP Photo/picture alliance

जर्मनी ने इन आरोपों से इनकार किया है कि इस्राएल की मदद से नरसंहार समझौते का उल्लंघन हुआ है. निकारागुआ ने जर्मनी पर नरसंहार समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए अंतरराष्ट्रीय अदालत में मुकदमा दायर किया है. सोमवार को इस पर सुनवाई शुरू हुई. पहले दिन निकारागुआ की तरफ से आरोप लगाए गए. मंगलवार को जर्मनी ने आरोपों के जवाब में अदालत में अपनी दलील पेश की.

इस्राएल की सुरक्षा

जर्मन प्रतिनिधि ने द हेग की इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस, आईसीजे में कहा, "इस्राएल की सुरक्षा जर्मनी की विदेश नीति में मूलभूत रूप से शामिल है और इसका कारण हमारा इतिहास है." इस्राएल को हथियारों की सप्लाई देने की बात स्वीकार करते हुए जर्मन प्रतिनिधि तानिया फॉन उस्लार ग्लाइशेन ने कहा, "जर्मनी ने इस्राएल को समर्थन दिया है, जिसमें हथियार और दूसरे सैन्य उपकरणों की सप्लाई भी शामिल है लेकिन उनकी गुणवत्ता और उद्देश्यों के बारे में निकारागुआ ने बड़े पैमाने पर गलतबयानी की है." जर्मनी का यह भी कहना है कि उसने हथियारों की सप्लाई "अंतरराष्ट्रीय कानूनों के दायरे में रह कर विस्तृत समीक्षा के आधार पर की है."

निकारागुआ ने मांग की है कि अंतरराष्ट्रीय अदालत इस्राएल को हथियार और दूसरी मदद देने से जर्मनी को रोकने के लिए आपातकालीन कदम उठाए. सोमवार को निकारागुआ की तरफ से अदालत में पेश हुए वकीलों ने दलील दी कि जर्मनी ने 1948 के संयुक्त राष्ट्र नरसंहार समझौते का उल्लंघन किया है. निकारागुआ का यह आरोप भी है कि जर्मनी ने गाजा के लिए सहायता रोक दी है.

अंतरराष्ट्रीय अदालत में जर्मनी के प्रतिनिधी
जर्मनी ने निकारगुआ के आरोपों से साफ इनकार किया हैतस्वीर: Dursun Aydemir/Anadolu/picture alliance

फलीस्तीन को मानवीय सहायता

इसके जवाब में जर्मन प्रतिनिधि ने जज से कहा, "जर्मनी हर दिन बेहद कठिन परिस्थिति में भी मानवीय सहायता मुहैया कराना जारी रखे हुए है." जर्मनी की तरफ से दलील रख रहे दूसरे प्रतिनिधि क्रिस्टियान टाम्स ने कहा, "जैसे ही हम करीब से नजर डालते हैं, निकारागुआ के आरोप ध्वस्त हो जाते हैं." जर्मनी ने जनवरी में कहा था कि वह यूनआरडब्ल्यूए की फंडिंग उसके खिलाफ जांच पूरी होने तक रोक रहा है, हालांकि इसे पिछले हफ्ते ही दोबारा शुरू कर दिया गया लेकिन गाजा के लिए मदद को इससे अलग रखा गया है. इस्राएल का आरोप है कि यूएनआरडब्ल्यूए के कुछ स्टाफ उसके खिलाफ हमले की साजिश में शामिल थे. इन आरोपों की जांच की जा रही है.

जर्मन प्रतिनिधियों ने ब्यौरा दे कर बताया कि फलीस्तीन को सहायता देने वाले देशों में जर्मनी काफी आगे है. कई तरीकों से गाजा और दूसरी जगहों पर रहने वाले लोगों की मदद दी जा रही है. 

निकारागुआ के राजदूत जोस आर्गुएलो गोमेज द हेग की अदालत में
निकारागुआ ने जर्मनी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत में शिकायत की हैतस्वीर: Robin van Lonkhuijsen/ANP/IMAGO

7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद इस्राएल ने बड़े स्तर पर जवाबी कार्रवाई शुरू की. छह महीने बीत जाने के बाद भी कार्रवाई जारी है. इसके नतीजे में बड़ी संख्या में आम फलीस्तीनी लोगों की मौत हुई है. वहां मानवीय सहायता पहुंचाने में भारी दिक्कत हो रही है.

अंतरराष्ट्रीय अदालत ने निकारागुआ की शिकायत पर इस मामले की सुनवाई के लिए दो दिन का समय तय किया था. दोनों पक्षों ने अपनी तरफ से दलीलें पेश कर दी हैं. इस मामले पर अदालत का फैसला आने में कई हफ्ते का समय लग सकता है. इस मामले में इस्राएल को पक्ष नहीं बनाया गया है ना ही उसके खिलाफ सीधे कोई शिकायत दर्ज की गई है. इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने जरूर इस्राएल की शिकायत अंतरराष्ट्रीय अदालत में की थी.

एनआर/आरपी (एएफपी)

निकारागुआ ने लगाया जर्मनी पर जनसंहार संबंधी आरोप