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गोपनीय स्विस बैंक खातों की जानकारी संभव

१४ मार्च २००९

स्विटज़रलैड, लक्ज़मबर्ग और ऑस्ट्रिया ने अपने बैंकों के गोपनीयता क़ानून में ढील देने का ऐलान किया है. इस घोषणा के बाद अब सरकार और जांच एंजेसियां संदिग्ध टैक्स चोरों की जानकारी हासिल कर पाएंगी.

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टैक्स चोरी की जांच में सहयोग करेंगे बैंकतस्वीर: picture-alliance / dpa/dpaweb

बेल्जियम, लिश्टेनटाइन और अंडोरा की घोषणा के बाद लक्ज़मबर्ग, ऑस्ट्रिया और स्विटज़रलैंड ने भी पहली बार आर्थिक सहयोग और विकास के लिए बने संघ ओईसीडी के उस क़रार पर दस्तख़त कर दिए, जिसके मुताबिक़ अब तीनों देशों के बैंकों को दूसरे देशों की सरकार और जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करना ही पड़ेगा. यानी, अगर दूसरा देश इन तीनों देशों के बैंकों से किसी ख़ास व्यक्ति के बारे में या फिर उसके खाते के बारे में जानकारी मांगेगा तो देनी ही पड़ेगी.

स्विटज़रलैंड के वित्तमंत्री ने कहा है कि बैंकों के ब्लैकलिस्ट होने से अर्थव्यवस्था पर ख़ासा असर पड़ता, इसीलिए ये कदम उठाने पड़े हैं. एक अनुमान के अनुसार स्विटज़रलैंड के बैंकों के पास करीब 2 ख़रब अमेरिकी डॉलर हैं. वित्तीय प्रंबधन के जानकार कहते हैं कि दुनिया भर के बाज़ार से करीब 7 ख़रब अमेरिकी डॉलर गायब हैं, जिनकी खोज होनी बाक़ी है. दरअसल इन देशों के बैंकों पर ये आरोप लगते रहे है कि ये दुनिया भर में टैक्स की चोरी करने वाले लोगों के लिए स्वर्ग बन गए हैं.

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टैक्स चोरों के लिए 'स्वर्ग' थे स्विस बैंकतस्वीर: picture-alliance/ dpa

जब भी किसी दूसरे देश की सरकार या जांच एजेंसी इन देशों के बैंकों से किसी व्यक्ति के खाते के बारे जानकारी मांगती थी, तो बैंक गोपनीयता के क़ानून का हवाला देकर जानकारी देने से इन्कार कर दिया जाता था. जी 20 देशों की अगले महीने लंदन में होने वाली बैठक से पहले यूरोप के प्रमुख देश जर्मनी और फ्रांस भी कह चुके हैं कि दुनिया को मंदी से उबारने के लिए वित्तीय नियत्रंण और मज़बूत करने और टैक्स चोरी पर लगाम लगाने की ज़रूरत है.

उधर, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने स्विटज़रलैंड के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि टैक्स चोरों के लिए बने स्वर्ग ख़त्म होने की शुरूआत हो गई है.

इससे पहले स्विटज़रलैंड के एक बैंक से अमेरिका ने अमेरिकी वित्तीय गडबड़ी से जुडे 5200 खाताधारकों की जानकारी मांगी थी पर बैंक ने इन्कार कर दिया. इसके बाद अमेरिका ने दबाव बढ़ाने के लिए कानूनों का सहारा लेना शुरू किया और स्विटज़रलैंड के बैंक को अमेरिका के आपराधिक मुकदमों से बचने के लिए 78 करोड़ डॉलर चुकाने पड़े.