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खुलेआम लगेगा गैंडों के सींग का बाजार

२३ अगस्त २०१७

गैंडे के सींग के बड़े अवैध बाजार के कारण शिकारी इन्हें मारते आये हैं. अब दक्षिण अफ्रीका में गैंडों की ब्रीडिंग करने वाले सींग की कानूनी बिक्री करेंगे. क्या लुप्त हो रहे जंगली गैंडों को बचाने में यह कदम कारगर होगा?

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Südafrika Kampf gegen die Wilderei
तस्वीर: Reuters/S. Sibeko

दक्षिण अफ्रीका की संवैधानिक अदालत ने सरकार को आदेश दिया कि वे गैंडे के सींगों की कानूनी बिक्री के लिए ब्रीडरों को सरकारी परमिट जारी करें. राइनो ब्रीडरों के एक संघ के वकील इन सींगों की कानूनी बिक्री का आयोजन करेंगे. ऐसी ही एक बड़े ब्रीडर जॉन हुमे का प्रतिनिधित्व कर रही लॉ फर्म का कहना है कि सींगों के कानूनी व्यापार से खतरे में पड़ चुके जंगली गैंडों की प्रजाति को बचाने में मदद मिलेगी. उनका तर्क यह है कि अगर किसी चीज के लिए एक विनियमित बाजार हो तो उसकी गैरकानूनी खरीद और बिक्री पर रोक लगेगी. पिछले कुछ दशकों में सीगों के लिए बड़े पैमाने पर गैंडों का शिकार हुआ है और उनकी संख्या बहुत कम होती गयी है.

वहीं इस तर्क पर कुछ प्रमुख पशु संरक्षण समूहों का कहना है कि इसका विपरीत असर हो सकता है. खुलेआम बाजार लगने और मांग बढ़ने से शिकारी कुछ और गैंडे मार कर उनके सींग को ऐसी कानूनी बिक्री के लिए मुहैया कराने की कोशिश कर सकते हैं. अभी के नियमों के अनुसार, इन सींगों को केवल घरेलू स्तर पर ही बेचा जा सकता है. खरीदारों के पास भी सरकारी परमिट होना चाहिए, जिसमें सींगों का अंतरराष्ट्रीय व्यापार करना निषेध बताया गया है. दक्षिण अफ्रीका में सींग के अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर साल 1977 से ही प्रतिबंध लगा हुआ है.

जॉन हुमे जैसे बड़े ब्रीडर के पास 1,500 से भी ज्यादा गैंडें हैं और उनके संग्रह में छह टन से अधिक सींग हैं. एक गैरसरकारी संगठन 'इनडेंजर्ड वाइल्डलाइफ ट्रस्ट' का कहना है कि एक तो ऐसे कानूनी व्यापार पर नजर रखना काफी कठिन होगा, दूसरे इसमें भ्रष्टाचार होने की बहुत संभावना है. वे कहते हैं, "सींगों की ऐसे कानूनी बिक्री से गैंडों की जंगली आबादी पर से दबाव घटेगा, इस तर्क के समर्थन में कोई रिसर्च आज तक तक प्रकाशित नहीं हुआ है."  

वियतनाम और चीन गैंडे की सींग के सबसे बड़े अवैध बाजार हैं. कुछ खरीदार मानते हैं कि इन सींगों के चूरे से कई तरह की बीमारियां ठीक होती हैं. हालांकि आज तक इसका कोई मेडिकल सबूत नहीं मिला है. राइनों की सींग भी उसी सख्त प्रोटीन केरेटिन की बनी होती है, जिससे इंसान के नाखून. कुछ खरीदार सींग रखना अमीरी और रुतबे का प्रतीक मानते हैं.

इस साल की पहली छमाही में केवल दक्षिण अफ्रीका में ही 529 गैंडों को उनके सींग के लिए मार डाला गया. सरकारी आंकड़े दिखाते हैं कि यह तादाद 2016 की इसी अवधि के दौरान मारे गये गैंडों से 13 कम है. इस समय दक्षिण अफ्रीका में कुल 20,000 गैंडे होने का अनुमान है. यानि पूरे अफ्रीका में पाये जाने वाले गैंडों की 80 प्रतिशत संख्या केवल दक्षिण अफ्रीका में ही मौजूद है.

आरपी/एनआर (एपी)