क्या है रिटायर होने की सही उम्र
२५ अप्रैल २०१४बेहतर सुविधाओं के चलते कई यूरोपीय देशों में जीवन दर बढ़ गया है. एक तरफ तो यह अच्छी खबर है पर इसका नतीजा यह भी है कि इन देशों में वृद्धों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है. सेवानिवृत्त लोगों को समय से पेंशन मिलती रहे इसके लिए जरूरी है कि कामगारों की संख्या ज्यादा हो ताकि उनके चुकाए जा रहे टैक्स से पेंशन का पैसा निकाला जा सके. लेकिन कामगारों की संख्या कम हो रही है और रिटायर होने वाले लोगों की ज्यादा.
लंदन के कास बिजनेस स्कूल में पेंशन इंस्टीट्यूट के निदेशक डेविड ब्लेक पेंशन पॉलिसी पर रिसर्च करते रहे हैं. वह बताते हैं, "1940 के दशक से उत्तरी यूरोप के अधिकतर देशों में रिटायरमेंट की उम्र लगभग 65 साल ही रही है. लेकिन इस दौरान लोगों का जीवन दर दस से बारह साल बढ़ गया है."
जर्मनी भी इसी समस्या से जूझ रहा है. जर्मनी के ईयू कमिश्नर गुंथर ओएटिंगर ने इसके लिए एक उपाए सुझाया है. जर्मन अखबार डी वेल्ट को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "हमें रिटायरमेंट की उम्र को 70 करने के बारे में विचार करना होगा. हमें लोगों को तैयार करना होगा कि वे लंबे समय तक काम करें."
लेकिन जर्मन सरकार इससे इत्तिफाक नहीं रखती. चांसलर अंगेला मैर्केल की सीडीयू और एसपीडी पार्टी वाली गठबंधन सरकार चाहती है कि सेवानिवृत्ति की उम्र को 65 से घटा कर 63 कर दिया जाए. ऐसा उन लोगों पर लागू होगा जो कम से कम 45 साल तक नौकरी कर चुके हैं और टैक्स चुका चुके हैं.
वहीं विपक्षी ग्रीन पार्टी इन दोनों ही सुझावों को समस्या का हल नहीं मानती. पार्टी के प्रवक्ता स्वेन गीगोल्ड का कहना है, "सबसे बड़ी समस्या यह है कि ऐसे लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है जो रिटायर होने के बाद गरीबी में रह रहे हैं. न तो सेवानिवृत्ति की उम्र घटाने से इससे निपटा जा सकता है और न ही उसे बढ़ा कर 70 कर देने से."
गीगोल्ड की नाराजगी इस बात से भी है कि गुंथर ओएटिंगर इस मामले से जुड़ गए हैं, "यूरोपीय कमीशन का जर्मनी की पेंशन पॉलिसी से कोई लेना देना ही नहीं है. उन्हें इस बारे में बात करने की कोई जरूरत नहीं है." यूरोपीय संघ के सभी देशों में पेंशन और रिटायरमेंट को ले कर अलग अलग कानून हैं. 2009 के आंकड़ों के अनुसार रिटायर होने की सबसे कम उम्र, यानी 57.5, स्लोवाकिया के महिलाओं की है जबकि सबसे ज्यादा 67 स्वीडन में कुछ मजदूरों की है.
ऐसे में यूरोपीय संसद में कुछ मंत्री पूरे यूरोपीय संघ में एक जैसे नियम लागू करना चाहते हैं. लेकिन ब्रिटेन के डेविड ब्लेक का कहना है कि ऐसा करना नामुमकिन है, "वे लोग हर चीज में अपनी मनमर्जी करना चाहते हैं. लेकिन जहां तक पेंशन की बात है तो यह हर देश के लिए अलग है. ये नियम उन देशों के इतिहास और वहां के सामाजिक ढांचे के अनुरूप बने हैं."
ब्लेक का कहना है कि जर्मनी में अगर रिटायरमेंट की उम्र को कम कर दिया जाता है तो इससे पड़ोसी देशों पर भी ऐसा करने का दबाव बनेगा. उनके अनुसार ऐसा करने से नई पीढ़ी पर काम का बोझ बढ़ जाएगा जो कि गलत है, "सेवानिवृत्ति की उम्र को 63 करना, सामाजिक तौर पर गैर जिम्मेदाराना होगा."
रिपोर्ट: कार्ला ब्लाइकर/आईबी
संपादन: मानसी गोपालकृष्णन