1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

क्या आचार संहिता से परे है नमो टीवी?

ऋषभ कुमार शर्मा
२ अप्रैल २०१९

नरेंद्र मोदी के नाम पर ऐप के बाद नमो टीवी नाम से एक टीवी चैनल भी आ गया है और इस पर विवाद भी शुरू हो गया है. इससे पहले भी दो बार चैनल लॉन्च करने का असफल परीक्षण कर चुके हैं नरेंद्र मोदी.

https://p.dw.com/p/3G5cr
Indien Mumbai - Sari mit Bild von Premierminister Narendra Modi
तस्वीर: Getty Images/AFP/I. Mukherjee

31 मार्च की शाम 7.30 बजे बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया. इस ट्वीट में नमो टीवी नाम के एक चैनल के बारे में बताया गया. बीजेपी ने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों और चुनावी रैलियों का सीधा प्रसारण नमो टीवी पर देखा जा सकता है. साथ ही बीजेपी ने ऐसे नेटवर्क ऑपरेटर्स की लिस्ट भी डाली जिन पर ये चैनल आ रहा है. नरेंद्र मोदी ने "मैं भी चौकीदार" नाम के कार्यक्रम के नमो टीवी पर प्रसारण की घोषणा की.

क्या है नमो टीवी?

नरेंद्र मोदी के नाम का शॉर्ट फॉर्म है नमो. इसी नाम से एक टीवी चैनल बीजेपी ने लॉन्च किया है. यह एक टीवी चैनल है. इस चैनल पर नरेंद्र मोदी की हर रैली का लाइव टेलिकास्ट हो रहा है. जब कोई रैली नहीं हो रही होती है तो पुराने भाषण और बीजेपी के ऐड चलाए जाते हैं. नीचे टिकर पर शब्दों में नरेंद्र मोदी के भाषणों की ट्रांसक्रिप्ट चलती रहती है. नमो टीवी पर आने वाले ऐड में नरेंद्र मोदी सरकार की सफलताओं को भी गिनाया जाता है. नमो ऐप की तरह नमो टीवी के लोगो में नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगी है.

नमो टीवी पर विवाद

चुनाव का समय है इसलिए आचार संहिता लागू है. चुनाव आयोग ने सभी दलों से आचार संहिता के पालन की उम्मीद जताई है. ऐसा न करने वाले दलों की शिकायत चुनाव आयोग में की जा सकती है. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में पूछा गया है कि क्या किसी राजनीतिक दल को चुनाव के समय अपना टीवी चैनल लॉन्च करने की आज्ञा है, क्या टीवी चैनल लॉन्च करने से पहले आज्ञा ली गई थी, इस चैनल को चलाने में जो खर्चा आ रहा है उसे कौन भुगत रहा है.

मोदी का पुराना असफल परीक्षण

ऐसा नहीं है कि नरेंद्र मोदी ने चुनाव के समय चैनल का प्रयोग पहली बार किया है. 2012 के गुजरात चुनाव से पहले भी नरेंद्र मोदी ने नमो टीवी लॉन्च करने का प्रयास किया था. 2007 में मोदी ने वंदे गुजरात नाम का इंटरनेट प्रोटोकॉल टीवी चैनल लॉन्च किया था. लेकिन तब चुनाव आयोग ने इस पर पाबंदी लगा दी थी. क्या इस बार भी चुनाव आयोग ऐसा कदम उठायेगा? ये तो चुनाव आयोग द्वारा शिकायत पर लिए जाने वाले निर्णय से ही पता चलेगा.

बीजेपी पूरे चुनाव अभियान में बहुत आक्रामक बनी हुई है. प्रचार के लिए नरेंद्र मोदी के प्रचार वाले टीशर्ट, कॉफी मग, मोबाइल कवर जैसी कई चीजें नमो मर्चेंडाइज के माध्यम से बेची जा रही हैं. इसी प्रचार अभियान का एक हिस्सा नमो टीवी भी है.