कोई अछूता नहीं पर्यावरण समस्याओं से
४ जून २०१५जो लोग पहले से ही दमे या फिर सांस की दूसरी तकलीफों से जूझ रहे हैं, उन्हें थोड़े समय के लिए भी वातावरण में ओजोन बढ़ने से भारी नुकसान पहुंच सकता है. सड़कों पर चलते वाहनों से हवा में शीघ्र वाष्पशील होने वाली नाइट्रस ऑक्साइड जैसी कई ऐसी गैसें निकलती हैं, जो तेज धूप और अधिक तापमान से मिलकर ओजोन पैदा करती हैं. देश भर में केवल भीषण गर्मी और लू के चलते ही अब तक हजारों लोग जान गंवा चुके हैं.
सेंटर फॉर साइंस एंड इंवायरमेंट (सीएसई) का ताजा विश्लेषण दिखाता है कि दिल्ली में इन्हीं गर्मियों में अब तक ओजोन के निर्माण में काफी वृद्धि दर्ज हुई है. यह विश्लेषण अप्रैल और मई महीने में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की दिल्ली के कई जगहों से इकट्ठा हुए 'रियल टाइम एयर क्वालिटी डाटा' का है. इसमें पाया गया कि सिविल लाइंस, जहां दिल्ली के मुख्यमंत्री का आवास है, वहां भी ओजोन का स्तर आदर्श से दोगुना ज्यादा है. इस स्तर की हवा को नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स में ‘घटिया' श्रेणी में रखा जाएगा.
सीएसई के वायु प्रदूषण कार्यक्रम की प्रमुख अनुमिता रॉयचौधरी बताती हैं, “ओजोन के ऊंचे स्तर से पहले से मौजूद जहरीले प्रदूषकों का कॉकटेल और भी जानलेवा हो गया है. किसी समयबद्ध कार्यान्वयन रणनीति और निरोधक कार्रवाई की अनुपस्थिति में यह एक गहरी जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में उभरेगी. इससे अमीर या गरीब कोई भी नहीं बच सकेगा.”
आमतौर पर अमेरिका, मेक्सिको, चीन जैसे देशों में दैनिक स्मॉग और हेल्थ एलर्ट प्रोग्राम में ओजोन के बारे में जानकारी भी शामिल की जाती है. सांस की समस्या वाले या फिर अन्य संवेदनशील लोगों को पहले से ही अधिक ओजोन वाले दिनों के बारे में बताया जाता है, ताकि वे उन दिनों ज्यादा समय भीतर रहें.
केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने 5 जून को कई प्रतिष्ठित खिलाड़ियों को पौधारोपण कार्यक्रम में शामिल होने का न्यौता दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में अपने आधिकारिक निवास से इस आयोजन की शुरुआत करेंगे और फिर देश के अलग अलग हिस्सों में मौजूद विशेष मेहमान जैसे क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, रोहित शर्मा और कुश्ती में दो बार ओलंपिक पुरस्कार विजेता पहलवान सुशील कुमार पौधे लगाएंगे.
आरआर/एमजे (पीटीआई)