मंथन 156 में खास
२८ अक्टूबर २०१५दुनिया भर में इन दिनों रिसर्चर ऐसे रोबोट बना रहे हैं जो इमरजेंसी और विपदा की स्थिति में लोगों की फौरन मदद कर सकें. मसलन परमाणु दुर्घटना, बाढ़ या आगजनी की स्थिति में, जहां राहतकर्मियों का मौके तक तुरंत पहुंचना संभव नहीं होता. दुर्घटनास्थल का जायजा लेने के लिए इन दिनों ड्रोन की मदद तो ली ही जा रही है लेकिन रोबोट सभी बाधाओं से निबटने के लिए अभी तक पूरी तरह तैयार नहीं हैं. बॉन यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने एक नए प्रकार का रोबोट बनाया है जो विभिन्न प्रकार की बाधाओं से निबट सकता है और जान बचाने में मददगार हो सकता है.
आसान नहीं है काम
स्पोर्ट्स प्लेन में किसी बड़े हवाई अड्डे पर उतरना आसान काम नहीं है, अनुभवी पाइलटों के लिए भी नहीं. इसके लिए पाइलटों और एयर ट्रैफिक कंट्रोलरों को मिलकर काम करना होता है. बातचीत के लिए अंग्रेजी का सहारा लिया जाता है. बड़े बड़े यात्री जहाजों के बीच छोटे जहाज को नेवीगेट कर फ्रैंकफर्ट के बड़े हवाई अड्डे पर उतारना बड़ी चुनौती होती है.
शहर में खेती
शहर के बीचो बीच बागान या सब्जियों की खेती, यह ट्रेंड दुनिया भर में तेजी से फैलता जा रहा है. सिंगापुर और पश्चिमी यूरोप के कई देशों में इसे इको फ्रेंडली उद्योग की तरह भी देखा जा रहा है. इस बार मंथन में मिलिए जर्मनी की राजधानी बर्लिन के दो युवा उद्यमियों से जो बता रहे हैं कि ये सब होता कैसे है.
बिन मछली सब सून
मछलियों का अंधाधुंध शिकार इस वक्त दुनिया के सामने एक बड़ी समस्या है. इसके चलते महासागरों का इको सिस्टम चरमरा रहा है. मेक्सिको में कैलीफोर्निया की खाड़ी भी इसका जीता जागता उदाहरण है. मछलियां खत्म होने से तटीय इलाकों के लोगों को रोजी रोटी के लाले पड़ गए. अब वहां मछलियों के शिकार के बदले पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है, लेकिन इसमें भी बहुत सावधानी की जरूरत है. तो कैसे हो रहा है यह सब संभव, देखिए मंथन के आने वाले अंक में.
कागज वाली कला
फ्रांस की कलाकार मादोमोजेल मॉरीश हाल के समय में दुनिया भर के मशहूर स्ट्रीट आर्टिस्टों में शुमार हुई हैं. कागज मोड़ मोड़कर वह ऐसा कुछ बना देती हैं कि लोग अवाक रह जाते हैं. कला के माध्यम से वह दुनिया भर के लोगों को जागरूक भी करना चाहती हैं.
तकनीक, स्वास्थ्य, विज्ञान और कला की रोचक जानकारियों के साथ मंथन आप तक पहुंचता है हर शनिवार सुबह 11 बजे डीडी नेशनल पर.
ओएसजे/एसएफ