आ गया कुत्तों का 'टिंडर'
५ फ़रवरी २०१९बाल्टिक देश लिथुआनिया की राजधानी विलनियस में पशुप्रेमी युवाओं ने एक ऐसा मोबाइल ऐप्लीकेशन बनाया है, जो लोकप्रिय डेटिग ऐप टिंडर से प्रेरित है. लेकिन इस ऐप में कोई इंसान किसी कुत्ते के साथ अपनी जोड़ी बनाता है. इसमें उन कुत्तों का प्रोफाइल होता है जो स्थानीय आश्रय घरों में रख गए हैं और गोद लिए जा सकते हैं. इस ऐप पर पशुप्रेमी कुत्तों की तस्वीर और गुण देख कर पसंद आने पर स्वाइप राइट करते हैं और फिर यहां से उन्हें घर लाने की प्रक्रिया शुरू करते हैं.
ऐप का नाम है - गेट-पेट. इसी साल जनवरी में लॉन्च हुआ यह ऐप हर दिन सैकड़ों नए यूजर पा रहा है और कई कुत्तों की उनके नए मालिकों के साथ जोड़ी भी बना चुका है. दुनिया भर में धीरे धीरे ऐसे ऐप लोकप्रिय हो रहे हैं, जिनके जरिए लोग पालतू जानवर गोद ले रहे हैं. इनमें 'पॉज लाइक मी' और 'बार्कबडी' का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है.
ऐप को बनाने वालों में से एक वाइदास गेसेविशस कहते हैं, "यह टिंडर जैसा ही है, लेकिन कुत्तों के साथ." वह बताते हैं कि इसमें "आप कुत्ते के साथ मीटिंग भी तय कर सकते हैं - या कहें एक डेट." इसमें कुत्तों का ऐसा प्रोफाइल बनाया जाता है, जिसमें उनकी मासूम तस्वीर के अलावा ब्रीड और आदतों जैसी कई जानकारियां होती हैं.
कई तरह से टिंडर की तरह होने के बावजूद कुछ मायनों में यह उससे काफी अलग भी है. पहला अंतर तो यही है कि इसमें साथी चुनने की प्रक्रिया एकतरफा है. नया मालिक ही राइट स्वाइप कर सकता है, कुत्ता नहीं. फिलहाल इस पर केवल कुत्तों के प्रफाइल बनाए जा रहे हैं लेकिन भविष्य में बिल्लियों और दूसरे जानवरों को भी शामिल किया जा सकता है.
दो सहेलियों एमिली और एलेना ने हाल ही में इस ऐप के माध्यम से एक कुत्ते से मुलाकात की. वे शेल्टर होम गईं और कुत्ते को अपने साथ पार्क में टहलाने ले गईं. फिर तय कर लिया कि जल्द ही वे उसे अपने साथ घर ले जाएंगी. 24 साल की एलेना ने कहा, "मुझे लगता है कि यह एक जबरदस्त आइडिया है. लिथुआनिया में इतने सारे आवारा कुत्ते हैं और बहुत से लोग भी हैं जो इन्हें गोद लेना चाहते हैं."
कुत्तों के शेल्टर होम की संस्थापक इलोना रेक्लेटिट इस पुरानी दिक्कत का एक नया उपाय पाकर काफी खुश हैं. उन्हें खुशी है कि बेसहारा पालतू कुत्तों को नया घर और प्यार करने वाले मालिक मिंलेंगे और वे ऐसे और जानवरों की मदद कर पाएंगी. वे बताती हैं, "अभी हमारे पास करीब 140 कुत्ते हैं. कभी तो हम हर दिन एक-दो कुत्तों को गोद देते थे. लेकिन अब तो हमें हर दिन कहीं ज्यादा कॉल्स आ रही हैं और लोग भी अक्सर आने लगे हैं."
आरपी/एके (एपी)