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दुनिया में किसी भी पक्षी की संख्या कभी इतनी तेजी से नहीं गिरी जितनी गिद्धों की. अफ्रीका में तो कुछ इलाकों में 80 फीसदी गिद्ध गायब हो चुके हैं. वजह, लोगों का अंधविश्वास.
केन्या में इस समय कई जैव प्रजातियों के खात्मे की समस्या ने निपटने के लिए नई अंतरराष्ट्रीय संधि पर बात हो रही है. इस संबंध में ऐसी कई बातें हैं जिन्हें हमें जानने की भी जरूरत है.
भारत का पूर्वोत्तर इलाका प्राकृतिक संसाधनों और जंगल से भरपूर है. इसी वजह से इलाके में वन्यजीवों की तादाद भी खासी है. लेकिन हाल के वर्षों में वन क्षेत्र घटा है.
तेजी से बदलते मौसम, जंगल की आग और शहरों का शोरगुल हमें बीमार कर रहा है. पक्षियों को भी नुकसान पहुंचा रहा है. सिर्फ यूरोप में हर साल लाखों लोग हृदय रोग की चपेट में आ रहे हैं. आखिर इन समस्याओं से निपटने का क्या उपाय है?
जो इलाके जंगलों की आग से पूरी तरह सुरक्षित समझे जाते थे, वे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. भारत, ऑस्ट्रेलिया और साइबेरिया जैसे इलाकों में वाइल्डफायर की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं. आगे ऐसी घटनाएं बेतहाशा बढ़ने की आशंका है.