ईको इस्लाम: पर्यावरण की रक्षा सबकी जिम्मेदारी
पर्यावरण को बचाने में धर्म कितनी अहम भूमिका निभा सकता है, इस विषय पर इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में एक कांफ्रेस में चर्चा हुई. कांफ्रेस में शामिल लोगों ने कहा कि इस्लाम पर्यावरण को साफ सुथरा बनाए रखने पर जोर देता है.
देबारति गुहा, एशिया प्रमुख, डॉयचे वेले
सभी सभ्यताओं और महाद्वीपों में धार्मिक शिक्षाएं पर्यावरण संरक्षण की सीख देती हैं. मिसाल के तौर पर कुरान में बहुत सी आयतें हैं जिनमें जल प्रबंधन और साफ सफाई जोर दिया गया है. असल में, सभी बड़े धर्म बौद्ध, ईसाई, हिंदू, इस्लाम या फिर पारसी धर्म, सभी अपने अनुयाइयों से कहते हैं कि इस धरती के साथ हमें प्यार से पेश आना चाहिए, इसका ख्याल करना चाहिए क्योंकि यह एक "दैवीय उपहार" है.
मुजतबा हामिद, कार्यकारी निदेशक, वाहिद इंस्टीट्यूट
वाहिद इंस्टीट्यूट इंडोनेशिया का एक जाना माना धार्मिक संगठन है. उसके कार्यकारी निदेशक मुजताब हामिद कहते हैं कि अल्लाह ने अपना प्रतिनिधि बनाकर हमें जमीन पर भेजा है और यह हमारी बुनियादी जिम्मेदारी है कि इस प्रकृति को बचाएं क्योंकि इसे अल्लाह ने बनाया है.
तौफीक पाशा, पर्यावरण कार्यकर्ता, पाकिस्तान
पर्यावरण का मतलब है पृथ्वी जिसे हम धरती माता कहते हैं. हालांकि हम मां की तरह उसका ध्यान नहीं रखते. उसकी हालत खराब है. जैसे हम अपनी मां की देखभाल करते हैं, उसी तरह हमें पृथ्वी की देखभाल करनी होगी. अगर हम पृथ्वी की रक्षा करेंगे, तभी इंसान भी बच पाएंगे.
अबु यासेम, एसोसिएट प्रोफेसर, ढाका यूनिवर्सिटी
इस्लाम के अनुसार, पारिस्थितिकी संतुलन बहुत महत्वपूर्ण है और हम सब इसका हिस्सा हैं. अगर हम प्रकृति को नुकसान पहुंचाएंगे, तो फिर हम इसे बनाने वाले का अपमान करेंगे.
अहमद शब्बार, संस्थापक, गारबेजकैन
कराची में गारबेजकैन के संस्थापक और पर्यावरण कार्यकर्ता अहमद शब्बार कहते हैं कि अच्छे पर्यावरण और अच्छे इंसान, दोनों को एक दूसरे की जरूरत है. अगर हम शांतिपूर्ण भविष्य चाहते हैं तो हमें पर्यावरण को बचाने वाली आदतें अपनानी होंगी.
हायु प्राबोवो, इंडोनेशिया में ईको मस्जिद के संस्थापक
इस्लाम हमें अपना जीवन प्रकृति के नियमों के मुताबिक जीने की सीख देता है जहां प्राकृतिक संसाधनों की बर्बादी की सख्त मनाही है और मस्जिदों को इन दैवीय शिक्षाओं का उदाहरण बनना चाहिए.
आगुस्तीना इस्कंदर, वर्ल्ड क्लीनअप डे, इंडोनेशिया
हमारे पास कोई प्लान बी नहीं है. इसीलिए हमें पर्यावरण की रक्षा के लिए एकुजट होकर काम करना होगा. हमें खुशी है कि लोग एक साथ आ रहे हैं और मिल कर इस जिम्मेदारी को उठा रहे हैं.