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इस्तीफे पर शिबू सोरेन की टालमटोल

२१ मई २०१०

बीजेपी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीच सत्ता की साझेदारी के लिए बनी सहमति के बावजूद मुख्यमंत्री शिबू सोरेन अपने इस्तीफे को लेकर टालमटोल कर रहे हैं. गुरुवार को उन्होंने अपने इस्तीफे की सही सही तारीख बताने से इनकार कर दिया.

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तस्वीर: AP

बोकारो में जब पत्रकारों ने सोरेन से पूछा कि क्या वह बीजेपी और एजेएसयू की तरफ से पद छोड़ने के लिए दी गई 25 मई की तारीख को इस्तीफा दे देंगे तो उन्होंने कहा, "यह बीजेपी की तारीख हो सकती है, मेरी नहीं. जब मुझे इस्तीफा देना होगा, दे दूंगा."

18 मई को बीजेपी और जेएमएम के बीच सहमति हुई कि बारी बारी से दोनों पार्टियों को मुख्यमंत्री पद दिया जाएगा. तब भी सोरेन ने पद छोड़ने की कोई निश्चित तारीख नहीं बताई थी. सोरेन अभी राज्य विधानसभा के सदस्य नहीं है और मुख्यमंत्री बने रहने के लिए 30 जून तक उन्हें सदस्यता हासिल करनी होगी. जब उनसे पूछा गया कि क्या वह उपचुनाव लड़ने की उम्मीद कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, "देखता हूं." पिछली बार उपचुनाव में हार जाने के बाद सोरेन को मुख्यमंत्री पद गंवाना पड़ा था.

Arjun Munda
गुरुजी हटे तो मुख्यमंत्री बनेंगे मुंडातस्वीर: UNI

दरअसल झारखंड में मौजूदा राजनीतिक उठापटक पिछले महीने उस वक्त शुरू हुई, जब जेएमएम मुखिया सोरेन ने लोकसभा में बीजेपी की तरफ से लाए गए कटौती प्रस्ताव पर केंद्र सरकार का साथ दिया. इस कदम से हैरान बीजेपी ने 28 अप्रैल को झारखंड की सोरेन सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा कर दी. बाद में सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन ने बीजेपी को राज्य में सरकार का नेतृत्व करने की पेशकश रखी, तो जैसे तैसे गठबंधन बच पाया. लेकिन सत्ता साझेदारी के मुद्दे पर तनातनी तक पूरी तरह खत्म नहीं हो पा रही है.

जेएमएम की पेशकश के बाद बीजेपी ने विधानसभा के बाकी कार्यकाल के लिए नई गठबंधन सरकार बनाने का फैसला किया. लेकिन जल्द ही ही सोरेन ने यह कहकर स्थिति को उलझा दिया कि बीजेपी और जेएमएम बारी बारी से सरकार का नेतृत्व करेंगी.

अब सोरेन का कहना है कि उन्होंने कभी यह नहीं कहा है कि 25 मई को इस्तीफा दे देंगे. उनके मुताबिक उन्होंने तो बस इतना है कहा है कि जल्द इस्तीफा देंगे. वहीं बीजेपी दावा करती रही है कि सोरेन 25 मई तक मुख्यमंत्री पद छोड़ देंगे ताकि अर्जुन मुंडा सरकार बना सके.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ओ सिंह