अमेरिकी दूतावास के उद्घाटन से पहले तनाव
१४ मई २०१८करीब 800 मेहमानों की मौजूदगी के बीच येरुशलम में अमेरिका अपने नए दूतावास का उद्घाटन कर रहा है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय के विरोध के बावजूद अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने दूतावास को तेल अवीव से येरुशलम ले जाने के एलान किया था. ट्रंप ने यह फैसला करते हुए येरुशलम को इस्राएल की राजधानी के तौर पर मान्यता भी दे दी. उद्घाटन समारोह में शरीक अतिथियों में ट्रंप के वरिष्ठ सलाहकार और दामाद जैरेड कुशनर और उनकी बेटी व सलाहकार इवांका ट्रंप भी हैं.
नया दूतावास बहुत ही संवेदनशील माहौल के बीच खुल रहा है. 15 मई 1948 को इस्राएल की स्थापना हुई. तब से ही 15 मई के दिन फलीस्तीनी शोक मनाते हैं. दूतावास के मुद्दे पर पर बीते कुछ महीनों में भारी प्रदर्शन भी होते रहे हैं. गजा बॉर्डर पर दर्जनों फलीस्तीनी मारे जा चुके हैं.
उद्घाटन से ठीक पहले बड़ी संख्या में फलीस्तीनी गजा बॉर्डर पर प्रदर्शन करने पहुंचे. इस दौरान इस्राएल ने भी वहां अपनी सेना की संख्या दोगुनी कर दी. इस्राएली सेना को आशंका है कि प्रदर्शनकारी बाड़ तोड़कर उसके इलाके में घुसने की कोशिश करेंगे. इस्राएली सेना के प्रवक्ता ने कहा कि, सेना का नियम नहीं बदला है. नियम कहता है कि जो फलीस्तीनी बाड़ के करीब आएंगे उन्हें गोली मारी जाएगी. इस्राएली सेना ने गजा पट्टी पर चेतावनी भरे पर्चे भी गिराए हैं. पर्चों में कहा गया है, "अगर आप हिंसक दंगों में हिस्सा लेंगे तो आप अपनी जान को जोखिम में डालेंगे."
प्रदर्शनों के पीछे अहम भूमिका निभा रहे इस्लामिक संगठन हमास ने युवाओं से अपील करते हुए कहा है कि वे तूफान की तरह बाड़ को रौंद दें. गजा में हमास के प्रमुख याहया सिनवार ने कहा, "हजारों की संख्या में ऐसी बाड़ों को तोड़ना जो सीमा है ही नहीं, इसमें क्या समस्या है."
ओएसजे/एमजे (डीपीए)