अमेरिका में 'ब्लड मून'
१६ अप्रैल २०१४इस तरह के दृश्य अक्सर भूत प्रेत वाली फिल्मों में देखने को मिलते हैं. लेकिन उत्तर और दक्षिण अमेरिका के लोगों ने इस नजारे को अपनी आंखों से देखा. खासकर उन इलाकों में जहां आसमान साफ रहा. स्थानीय समय सुबह एक बजे से ग्रहण लगना शुरू हुआ और अगले साढ़े पांच घंटे इसने लोगों का ध्यान खींच कर रखा. 78 मिनट तक चांद धरती की छाया से ढका रहा. इसी दौरान चांद का रंग पहले नारंगी फिर लाल और फिर थोड़ा भूरा हो गया. स्पेसवैदर डॉटकॉम ने लिखा है कि इस रंग की वजह ज्वालामुखी की राख और अन्य एरोजोल हैं जो चांद के वातावरण में मौजूद हैं.
अमेरिका के अधिकतर हिस्से में इसे देखा जा सका. फ्लोरिडा और कैलिफोर्निया में तो लोग 'ब्लड मून पार्टी' करने के लिए रात भर बाहर रहे. अमेरिका के अलावा ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी इसे लोगों ने ब्लड मून देखा.
ग्रहण जहां एक तरह आसमान की तस्वीरें लेने वालों के लिए एक अनोखा मौका ले कर आया, वहीं नासा के लिए यह सर दर्द भी बना हुआ था. नासा का उपग्रह एलएडीईई (लाडी) चांद की परिक्रमा कर रहा है. वैज्ञानिकों को डर था कि जिस दौरान चांद पर धरती की छाया रहेगी, उपग्रह काम करना बंद कर सकता है. दरअसल ग्रहण के दौरान चांद की सतह और आसपास का तापमान कम होने के कारण उपग्रह के जम जाने का खतरा बना हुआ था. यहां तक कि नासा ने अपनी वेबसाइट पर लिखा, "ग्रहण के दौरान जब आप लोग चांद की खूबसूरती को निहारेंगे, तब लाडी को अपनी दुआओं में जरूर शामिल करिएगा." नासा को डर था कि उपग्रह क्रैश हो जाएगा. हालांकि ऐसा नहीं हुआ.
इस साल होने वाले कुल चार ग्रहणों में यह पहला था. दो हफ्ते बाद ही अमेरिका में सूर्य ग्रहण देखा जाएगा. नासा ने बताया है कि इसके बाद अमेरिका में अगला पूर्ण चंद्र ग्रहण 2019 में होगा.
आईबी/एएम (एएफपी, रॉयटर्स)