होली आई रे...
भारत में साल भर तरह तरह के पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं. लेकिन होली का त्योहार थोड़ा अलग है. हवा में मस्ती और रंग घुल जाते हैं. होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार है.
प्यार का रंग
रंगों का त्योहार होली दो दिन मनाया जाता है. पहले दिन रात में होलिका जलाई जाती है. दूसरे दिन गुलाल और अबीर के साथ लोग दूसरे पर रंग लगाते हैं. होली के मौके पर एक से बढ़कर एक गीत भी सुनने को मिलते हैं.
ब्रज की होली
कृष्ण की नगरी में होली तो बसंत पंचमी से ही शुरू हो जाती है. ब्रज की होली देशभर में मशहूर है. ब्रज में 40 दिनों तक फागोत्सव मनाया जाता है.
लट्ठमार होली
होली का एक रूप लट्ठमार होली भी है. बरसाना में महिलाएं पुरुषों के साथ मिलकर लट्ठमार होली खेलती हैं. ऐसा कहा जाता है कि कृष्ण के तंग करने पर राधा उन्हें मारती थीं.
रंग तो बहाना है...
होली का त्योहार वसंत पंचमी से ही शुरू हो जाता है. उसी दिन पहली बार गुलाल उड़ाया जाता है. खेतों में सरसों लहलहा उठती हैं. पेड़ों पर रंग बिरंगे फूल खिल जाते हैं.
हवा में भांग किसने मिलाई
दोस्तों के साथ मस्ती करने के लिए होली का त्योहार अच्छा मौका है. लोग एक दूसरे को रंग लगाने के बाद बढ़िया पकवान का आनंद लेते हैं. लोग भांग का भी खूब आनंद उठाते हैं.
फूल वाली होली
जयपुर के एक मंदिर में फागोत्सव में नृत्य करतीं कलाकार. होली में विदेशी नागरिक भी भारत जाकर इस खास त्योहार का मजा लेते हैं.
लाल, गुलाबी और पीला
बरसाना के श्रीजी मंदिर में नंदगांव के पुरुष हवा में रंगा उड़ाते हुए.
रंगों से भरा बाजार
होली के मौके पर तरह तरह के रंग बिकते हैं. समय के साथ लोग ऑर्गेनिक रंगों की तरफ आकर्षित हुए हैं. कई लोग घर पर ही प्राकृतिक रंग बनाकर सुरक्षित होली खेलना पसंद करते हैं.
बलम पिचकारी
होली के पहले अपनी पसंदीदा पिचकारी खरीदते बच्चे. हाल के सालों में पिचकारी के रंग और रूप में भी बहुत बदलाव आया है. चीनी पिचकारी भी बाजार में बिकती हैं.
राजनीतिक रंग
होली के मौके पर बिकनी वाली पिचकारी भी राजनीतिक हो गई है. चुनाव के पहले पिचकारी पर राजनीतिक दलों के नेताओं की तस्वीरें भी दिख भी रही हैं.