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हिंसक प्रदर्शन के लिये भी याद रहेगा हैम्बर्ग जी20

८ जुलाई २०१७

हैम्बर्ग का जी20 सम्मेलन विरोध प्रदर्शनों के लिये भी याद रहेगा. शनिवार को दंगाइयों की पुलिस के साथ झड़पें, कारों को जलाने और दुकानों को लूटने की घटनाओं के बाद दसियों हजार लोगों ने सड़कों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी किया.

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G20 Gipfel in Hamburg | Protest Willy-Brandt-Straße
तस्वीर: DW/M. Klaas

शुक्रवार रात हिंसक प्रदर्शनों का शिकार बनी सड़कों पर इन लोगों ने नारेबाजी की और संगीत बजा कर नाचते गाते रहे. इस बीच दुनिया के नेता सम्मेलन के समापन में जुटे थे.

लोगों की भीड़ में कई ऐसे भी लोग थे जो अपने बच्चों को साथ लेकर आये थे, साथ ही कुर्द समूह, स्कॉटिश समाजवादी और अराजकवादी लोग भी थे जो पूंजीवाद के खिलाफ नारा बुलंद करते हुए पुलिस और सुरक्षा बलों के साये में चल रहे थे. शुक्रवार की शाम और शनिवार की सुबह भारी कोलाहल और तोड़फोड़ के बावजूद पुलिस अधिकारियों ने हैलमेट निकाल दिया था और वे शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के साथ चलते हुए सहज लग रहे थे. आयोजकों का कहना है कि करीब 78 हजार प्रदर्शनकारी हैम्बर्ग में जमा हुए थे जबकि पुलिस के मुताबिक इनकी संख्या करीब 30 हजार थी.

शुक्रवार रात सबसे बड़ा हंगामा शांसेनफियर्टेल इलाके में हुआ जो सम्मेलन स्थल से महज कुछ सौ मीटर की दूरी पर ही है. दंगाविरोधी विशेष पुलिस के सैकड़ों जवान उन उपद्रवियों को पकड़ने गये जो काले मास्क पहने हुए थे. इन लोगों ने घरों की छत से लोहे की छड़ और बोतलों से पुलिसवालों पर ही हमला बोल दिया. करीब 500 लोगों की उग्र भीड़ ने एक बड़े सुपरस्टोर और कई छोटी दुकानों को लूट लिया. कार्यकर्ताओं ने कूड़ा, कैन और मोटरसाइकिलों से बैरिकेट बना लिये थे और उन्होंने कई कारों को भी आग लगा दी. 

G20 Gipfel in Hamburg | Angela Merkel mit Polizei, Zoll, Rotes Kreuz
पुलिसवालों के साथ चांसलर मैर्केलतस्वीर: picture-alliance/dpa/P. Stollarz

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने हैम्बर्ग में "हिंसा और बेरोकटोक क्रूरता" पर हैरानी और गुस्सा जताया है. मैर्केल ने कहा, "लूटपाट, आगजनी और पुलिस अधिकारियों पर जानलेवा हमलों को रत्ती भर भी उचित नहीं ठहराया जा सकता." मैर्केल ने सुरक्षा बलों का आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने, "बढ़िया काम किया और मैं सम्मेलन के प्रतिभागियों की तरफ से उन्हें शुक्रिया कहती हूं."

यूरोप के कई हिस्सों से आये हजारों दंगाइयों ने शहर में अव्यवस्था मचा कर रख दी. पूंजीवाद और वैश्वीकरण के खिलाफ गुस्सा जताते और शरणार्थियों के लिए खुली सीमा की मांग करते दंगाइयों ने लगातार दो दिनों और रातों को जर्मनी की दंगा विरोधी पुलिस के साथ बवाल किया. उनका गुस्सा राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप या दूसरे नेताओं के खिलाफ उतना नहीं था जितना कि पुलिस के खिलाफ था. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को सत्ता का प्रतीक माना.

G20 Gipfel in Hamburg | Demonstration Willy-Brandt-Straße
तस्वीर: DW/J. Witt

पुलिस ने 143 लोगों को गिरफ्तार किया जबकि 122 कार्यकर्ताओं को कुछ देर के लिए हिरासत में लिया. गुरुवार को प्रदर्शन शुरू होने के बाद अब तक 213 पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं. पुलिस और दमकल कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि कितने आम लोग घायल हुए हैं.

हैम्बर्ग जर्मनी का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और यहां उग्र वामपंथियों की अच्छी जमात मौजूद है. कई लोगों ने इसे सम्मेलन की जगह बनाने का विरोध किया था. हजारों संकरी गलियों से भरे इस शहर में पुलिस के लिए झड़पों को रोकना और प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण करना मुश्कल काम है. हालांकि चांसलर मैर्केल ने हैम्बर्ग के पक्ष में कहा था कि इतने सारे मेहमानों के रुकने के लिए होटलों और दूसरी सुविधाओं के लिहाज से एक बड़े शहर की जरूरत थी. हैम्बर्ग के आम लोगों ने भी हिंसा और लूटपाट पर नाराजगी जतायी है.

G20 Gipfel in Hamburg | Demonstration & Protest
तस्वीर: Reuters/H. Hanschke

शनिवार दोपहर प्रदर्शन के दौरान अटैक समूह के कार्यकर्ताओं ने एक विशाल ग्लोब सड़क पर लुढ़का दिया और उसके पीछे चलते चलते नारा लगाया, "रोटी के लिए पैसा, बम के लिए नहीं" और "हम हैं कई, तुम हो 20."

एनआर/एके (एपी)