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हार जीत के बीच झूलती टीम इंडिया

६ अगस्त २०१०

कोलंबो टेस्ट के चौथे दिन की शुरुआत में जीत का चेहरा देखने वाली भारतीय क्रिकेट टीम को शाम होते होते हार नजर आने लगी. 257 रन का पीछा कर रही टीम इंडिया के तीन विकेट सिर्फ 49 रन पर गिर गए और संकट बढ़ता जा रहा है.

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तस्वीर: AP

पिछले टेस्ट में इसी कोलंबो शहर में ऐसा विकेट दिखा, जो बेजान और बेमजा निकला. बल्लेबाजों का स्वर्ग, जहां पांच दिन के अंदर सिर्फ 17 विकेट गिरे. और इसी कोलंबो का एक विकेट ऐसा, जिसने एक दिन में 13 विकेट गिरते दिख लिए.

पी सारा स्टेडियम में चौथे दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने 53 रन बना लिए हैं लेकिन इस दौरान टीम इंडिया को वीरेंद्र सहवाग सहित चोटी के तीन बल्लेबाजों को गंवाना पड़ा है. नाइट वॉचमैन इशांत शर्मा और मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर क्रीज पर हैं और सिर्फ सचिन से ही मैच का नतीजा बदलने की उम्मीद की जा सकती है. भारत को इस मैच को जीतने के लिए अभी 207 और बनाने हैं.

चौथे दिन का खेल जबरदस्त उतार चढ़ाव वाला रहा. भारतीय गेंदबाजों ने पहले तो ऐसा समां बांधा कि लगा जैसे श्रीलंका की पारी 150 रन के अंदर ही सिमट जाएगी. ओझा और मिश्रा ने जल्दी जल्दी छह विकेट लेकर मेजबान को आठ विकेट पर 125 रन के मामूली स्कोर पर खड़ा कर दिया. यहां भारत को जीत नजर आने लगी.

लेकिन इसके बाद समरवीरा और अजंता मेंडिस ने नौवें विकेट के लिए शानदार 118 रन जोड़ दिए और घंटे भर बाद तस्वीर बदल गई. श्रीलंका ने दूसरी पारी में 267 रन बना लिए और ऐसी जगह पहुंच गया, जहां जीत भले न मिले, लेकिन हार भी आसान न थी.

दूसरी पारी में बल्लेबाजी शुरू करते ही भारत ने वीरेंद्र सहवाग का विकेट खो दिया. वीरू बिना रन बनाए आउट हो गए और तस्वीर एक बार फिर बदल गई.

भारतीय टीम बेहद दबाव में आ गई. राहुल द्रविड़ जैसा अनुभवी बल्लेबाज नहीं टिक पाया और 22 गेंदों में सिर्फ सात रन बना कर आउट हो गया. गौतम गंभीर की गैरमौजूदगी में पारी शुरू करने वाले मुरली विजय भी कुछ खास नहीं कर पाए और चौथे दिन के आखिरी ओवरों में 27 रन बना कर आउट हो गए. तीनों विकेट रांदिव ने लिए.

इसके बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने बाकी का समय काटने के लिए इशांत शर्मा को भेजा और टीम इंडिया के लिए अच्छी बात यह रही कि बाकी का समय बिना कोई नुकसान के गुजर गया.

अब खेल के पांचवें और आखिरी दिन भारत को जीत के लिए 204 रन बनाने हैं और जाहिर है कि आखिरी दिन विकेट भी खूब स्पिन ले सकता है. ऐसे में सचिन तेंदुलकर और दूसरे बल्लेबाजों के धैर्य और कौशल का इम्तिहान होगा.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः ए कुमार