हसी के हौसले से ऑस्ट्रेलिया फ़ाइनल में
१५ मई २०१०ऑस्ट्रेलिया को आख़िरी ओर में जीत के लिए 18 रन चाहिए थे. अफ़रीदी ने बॉल सौंपी सईद अजमल को. मिचेल जॉनसन ने पहली गेंद पर ही एक रन लिया और अजमल के सामने हसी आ गए जो पाकिस्तानी टीम नहीं चाहती थी.
माइकल हसी ने दूसरी ही गेंद पर छक्का लगाया और फिर उसकी अगली गेंद पर एक और छक्का जड़कर पाकिस्तानी प्रशंसकों की सांसे रोक दी. हसी नाम का तूफ़ान यहीं नहीं रूका. पहले उन्होंने चौका लगाया और फिर अगली ही गेंद पर छक्का लगाकर ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 197 रन पहुंचा दिया.
ऑस्ट्रेलिया ने एक गेंद रहते सात विकेट के नुक़सान पर 197 रन बनाकर तीन विकेट से रोमांचक जीत हासिल की. मैन ऑफ़ द मैच माइकल हसी ने सिर्फ़ 24 गेंदों में 6 छक्कों और तीन चौकों की मदद से 60 रन ठोंक दिए. ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत बेहद ख़राब रही और वॉर्नर बिना खाता खोले ही पैवेलियन लौट गए. उनके बाद हैडिन और वॉटसन ने पारी को आगे बढ़ाने की कोशिश की लेकिन 26 रन के स्कोर पर वॉटसन भी चलते बने. वॉटसन ने 16 रन बनाए.
क्लार्क और हैडिन कुछ देर के लिए क्रीज़ पर जमे ज़रूर लेकिन ऑस्ट्रेलिया के सामने संकट तब खड़ा हो गया जब 62 रन पर ही उसके चार विकेट गिर गए. लेकिन कैमरन व्हाइट और हसी ने ऑस्ट्रेलिया की पारी को पटरी पर बैठाने में निर्णायक भूमिका निभाई और हसी तो आख़िर तक विकेट पर जमे रहे.
पाकिस्तान की ओर से मोहम्मद आमेर ने 4 ओवर में 35 रन देकर तीन विकेट लिए. अब्दुर रहमान ने 4 ओवर में 33 रन पर दो विकेट झटके.
ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पाकिस्तान को बल्लेबाज़ी को बल्लेबाज़ी का न्योता दिया. अकमल बंधुओं की बेहतरीन बल्लेबाज़ी के सहारे पाकिस्तान ने धमाकेदार प्रदर्शन किया और ऑस्ट्रेलिया के सामने 192 रन का बेहद मुश्किल लक्ष्य खड़ा किया.
कामरान अकमल ने 34 गेंदों में 50 रन बनाए जिसमें 6 चौके और 2 छक्के लगाए जबकि उमर अकमल ने 35 गेंदों में 56 रन बनाए और अपनी पारी को 2 चौकों और 4 छक्कों से सुशोभित किया.
पाकिस्तान ने जिस तरह से 191 रन का स्कोर खड़ा किया था उससे देखकर लग रहा था कि ऑस्ट्रेलिया के सामने फ़ाइनल तक पहुंचना आसान नहीं होगा लेकिन हसी ने ऑस्ट्रेलियाई पारी के आख़िररी ओवरों में यादगार खेल दिखाकर फ़ाइनल की सीट पक्की कर दी. फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया का मुक़ाबला इंग्लैंड से रविवार को होना है जो श्रीलंका को हरा कर ट्वेंटी20 वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में पहुंची है.
रिपोर्ट: एजेंसिया/एस गौड़
संपादन: महेश झा