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हरीरी हत्याकांड में कोर्ट में आरोप दाखिल

१८ जनवरी २०११

लेबनान के पूर्व प्रधानमंत्री रफीक हरीरी की हत्या के मामले में यूएन ट्राइब्यूनल ने सीलबंद आरोप पत्र दाखिल किया. लेबनान में राजनीतिक संकट गहराने के आसार. शिया संगठन हिज्बोल्लाह ने कहा, उसके सदस्यों पर हो सकते हैं आरोप.

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ओबामा के साथ साद हरीरीतस्वीर: AP

अभियोजन पक्ष के वकील डेनियल बेलेमार ने आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिए. अब जज फैसला लेंगे कि इन आरोपों को स्वीकार किया जाए या नहीं. हिज्बोल्लाह नेता हसन नसरअल्लाह ने कहा है कि हरीरी की हत्या के मामले में उनका संगठन किसी भी आरोप का खंडन करता है.

14 फरवरी 2005 को रफीक हरीरी की बम हमले में हत्या कर दी गई. इस विस्फोट में 22 अन्य लोग भी मारे गए. यह घटना बेरूत के पॉश इलाके में हुई जिससे देश भर में तनाव फैल गया और 1975 से 1990 तक चले गृह युद्ध की कड़वी यादें लोगों को एक बार फिर सताने लगीं. हरीरी की हत्या के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए और सीरिया को 29 साल बाद लेबनान से अपनी फौज वापस बुलानी पड़ी.

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तस्वीर: AP

हरीरी की हत्या 60 साल की उम्र में की गई और उस समय तक वह पांच बार लेबनान के प्रधानमंत्री पद को संभाल चुके थे. 2004 में उन्होंने सत्ता छोड़ दी क्योंकि वह सीरिया के उस फैसले का विरोध कर रहे थे जिसके तहत सीरिया के नजदीकी समझे जाने वाले तत्कालीन राष्ट्रपति एमिली लाहोद का कार्यकाल बढ़ाया गया.

रफीक हरीरी की हत्या के छह साल बाद लेबनान में गहरे विभाजन हैं. एक ओर पश्चिमी देशों द्वारा समर्थित धड़ा है जिसका नेतृत्व हरीरी के बेटे साद हरीरी कर रहे हैं. दूसरे धड़े में ईरान के नजदीकी और शिया गुट हिज्बोल्लाह है. अपने पिता की मौत के बाद से ही साद हरीरी ने सुन्नी मुस्लिम मूवमेंट की बागडोर अपने हाथ में ली है और दो संसदीय चुनाव में जीत हासिल की.

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तस्वीर: picture alliance / dpa

साद हरीरी 2009 में प्रधानमंत्री बने लेकिन पिछले हफ्ते हिज्बोल्लाह के 11 मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए जिसके चलते साद हरीरी की सरकार गिर गई. अब वह कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में सरकार चला रहे हैं. ट्राइब्यूनल के अधिकारों पर विवाद के चलते ही सरकार गिरी. राष्ट्रीय एकता सरकार में शामिल हिज्बोल्लाह मांग कर रहा था कि यूएन ट्राइब्यूनल को सहयोग वापस लिया जाए और उसके आरोप पत्र को न माना जाए लेकिन साद हरीरी ने इससे इनकार कर दिया.

2007 में एक ऑडियो टेप लीक हुआ जिसे लेबनान के टीवी पर दिखाया गया. इसमें साद हरीरी संयुक्त राष्ट्र जांच अधिकारी को यह बताते हुए नजर आ रहे हैं कि रफीक हरीरी की हत्या में सीरिया का हाथ है. साद का दावा है कि संयुक्त राष्ट्र दूत रोएड लार्सन और पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति ज्याक शिराक ने उनके पिता को चेतावनी दी थी कि उनकी जान खतरे में है. संयुक्त राष्ट्र कमीशन की शुरुआती जांच रिपोर्टों में सीरिया की खुफिया एजेंसी पर अंगुलियां उठाई गई.

साद हरीरी पिता की हत्या के लिए सीरिया को जिम्मेदार ठहराते हुए उसकी खुलकर आलोचना करते रहे हैं लेकिन पिछले साल पलटते हुए उन्होंने हत्या को राजनीति से प्रेरित बताया.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए जमाल

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