हम भी गुजरे हैं बुरे दौर से
१२ जुलाई २०१४वरुण धवन कहते हैं कि फिल्मी पृष्ठभूमि एकाध फिल्में तो दिला सकती है, लेकिन कामयाबी नहीं. इसके लिए अभिनय प्रतिभा का होना जरूरी है. अपनी फिल्म हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया तक के छोटे-से सफर के दौरान ही आलिया भट्ट से लेकर श्रद्धा कपूर तक कई अभिनेत्रियों के साथ उनके रोमांस के चर्चे होते रहे हैं. लेकिन वरुण कहते हैं कि फिलहाल उनकी प्राथमिकता करियर है. अपनी ताजा फिल्म के प्रमोशन के सिलसिले में कोलकाता पहुंचे वरुण धवन ने अपने फिल्मी करियर के बारे में डॉयचे वेले के कुछ सवालों के जवाब दिए. पेश है इस बातचीत के मुख्य अंश:
आमतौर पर फिल्मी पृष्ठभूमि से आए अभिनेताओं में से कुछ अपवादों को छोड़ कर किसी को खास कामयाबी नहीं मिल सकी है. लेकिन आपकी तमाम फिल्मों को काफी सराहना और कामयाबी मिली है. इसे किस नजरिए से देखते हैं?
इसे इस नजरिए से देखना उचित नहीं है. किसी भी फिल्म की कामयाबी कई बातों पर निर्भर होती है. फिल्मी परिवार से जुड़ा होना किसी अभिनेता की कामयाबी की गारंटी नहीं है. ऐसा होता तो आज बहुत से लोग स्टार होते. यह जरूर है कि इस मामले में मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे अब तक बेहतर फिल्मों के ऑफर मिले हैं. अगर फिल्म बढ़िया है तो उसकी कामयाबी तय है. लेकिन अगर पटकथा समेत दूसरे पहलू कमजोर हैं तो महज किसी अभिनेता के नाम पर उसका कामयाब होना मुश्किल है.
फिल्मी परिवार से होने की वजह से आपको करियर की शुरूआत में खास संघर्ष नहीं करना पड़ा?
हां, यह कुछ हद तक सही है. लेकिन इससे करियर भले शुरू हो जाए, कामयाबी नहीं मिल सकती. आपके भीतर प्रतिभा होनी चाहिए. इसके बिना एकाध फिल्मों के बाद ही करियर ठप हो जाता है.
छोटे से करियर में ही आपका नाम आलिया भट्ट से लेकर श्रद्धा कपूर जैसी हीरोइनों के साथ जुड़ता रहा है?
यह सब कोरी अफवाहें हैं. मैंने कहीं किसी का नाम लेकर कहा कि हम बढ़िया दोस्त हैं तो लोगों ने उसे मेरी गर्लफ्रेंड मान लिया. इसमें मेरी कोई गलती नहीं है. फिलहाल मेरा पूरा ध्यान अभिनय पर है. बाकी चीजों की ओर ध्यान देने के लिए मेरे पास समय ही नहीं है. हम ऐसे पेशे में हैं जहां हमारे निजी जीवन के बारे में रोजाना नई-नई अफवाहें फैलती रहती हैं.
आपका बचपन कैसा बीता?
पिता के फिल्म निर्माण में होने की वजह से माहौल तो फिल्मी ही था. मेरे पिता डेविड धवन के करियर में भी एक ऐसा दौर आया था जब उनकी फिल्में लगातार फ्लॉप हो रही थीं. तब हमारी आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई थी. हम लोग मिल कर उनकी कामयाबी के लिए प्रार्थना करते थे. वह एक बुरा दौर था और पूरा परिवार काफी नर्वस हो गया था.
और इंग्लैंड में पढ़ाई के दौरान माहौल कैसा था?
नाटिंघम में मेरा छात्र जीवन बेहद शानदार था. वहां लोगों को इस बात से कोई मतलब नहीं था कि मैं कौन हूं और मेरे पिता कौन हैं. लोग मुझसे एक आम आदमी की तरह मिलते-जुलते थे. वहां बिताया गया समय मेरे जीवन का सबसे शानदार अनुभव रहा. उस दौरान मैंने कई दोस्त बनाए. अब भी उन सबसे मेरा संपर्क बना हुआ है.
खाली समय में क्या करते हैं?
मुझे फिल्में देखना बेहद पसंद है. खाली समय में खूब फिल्में देखता हूं.
आपके पसंदीदा अभिनेता कौन हैं?
गोविंदा मेरे पसंदीदा अभिनेता हैं. उन्होंने अपने लंबे करियर में कई बहुआयामी किरदार निभाए हैं और अब भी उनका सफर जारी है.
अगर अभिनेता नहीं बनते तो क्या करते?
मैं मनोरंजन उद्योग में ही काम करता. फिल्मी पत्रकार ही बन जाता. शुरूआत में मैंने खेलों में करियर बनाने की भी सोची थी.
कोई ऐसा किरदार जिसे निभाने की दिली इच्छा हो?
हां, मैं परदे पर एक सैनिक का किरदार निभाना चाहता हूं. सशस्त्र बलों के प्रति मेरे दिल में बेहद सम्मान है. किसी फिल्म में एक सैनिक का किरदार निभाना मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि होगी.
इंटरव्यू: प्रभाकर, कोलकाता
संपादन: महेश झा