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हमले के लिये अमेरिका होगा जिम्मेदार: उत्तर कोरिया

११ अप्रैल २०१७

उत्तर कोरिया ने कोरियाई प्रायद्वीप में अमेरिकी नौसेना की तैनाती की निंदा की है. साथ ही चेतावनी दी है कि यह किसी भी तरह के युद्ध में जबाव दे सकता है. हाल में अमेरिकी नौसेना ने पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में चहलकदमी की है.

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Nordkorea Anti-USA Propagandaposter
तस्वीर: picture-alliance/CPA Media Co. Ltd

उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए के हवाले से कहा है कि पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी नौसेना के दखल के बाद अगर कोई भी सैनिक कार्रवाई होती है तो इसके लिये अमेरिका जिम्मेदार होगा. मंत्रालय के प्रवक्ता ने देश का औपचारिक नाम लेते हुये कहा कि डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके या उत्तर कोरिया) में दखल देने की अमेरिकी कोशिश अब गंभीर चरण में पहुंच चुकी है. ऐसे में डीपीआरके अब अमेरिका की इच्छा वाले किसी भी युद्ध के लिये तैयार है. प्रवक्ता ने कहा कि दुनिया की इस बड़ी शक्ति से स्वयं को बचाने के लिये हम मुश्किल से मुश्किल कार्रवाई करेंगे.

कार्ल विंसन समूह में कई विमानपोत और अन्य युद्धपोत शामिल हैं, जिसकी ऑस्ट्रेलियाई यात्रा को रद्द कर सिंगापुर के रास्ते कोरियाई के निकट जलीय क्षेत्र में भेजा गया है. उत्तर कोरिया ने हाल में कई मिसाइलें टेस्ट कीं, जिसके बाद अमेरिका ने यह कदम उठाया है.

अमेरिकी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि कार्ल विंसन का रास्ता बदलना एक विवेकपूर्ण कदम था ताकि पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई जा सके. कुछ दिन पहले इस क्षेत्र में दक्षिण कोरियाई सेना ने अभ्यास किया था जिसे उत्तर कोरिया ने आक्रमण का पूर्वाभ्यास करार दिया था. अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि अपने परमाणु हथियारों के चलते उत्तर कोरिया अब भी खतरा बना हुआ है.

उत्तर कोरियाई परमाणु प्रतिबंध

संयुक्त राष्ट्र के तमाम प्रतिबंध के बावजूद उत्तर कोरिया अब भी परमाणु परीक्षण से बाज नहीं आ रहा है. उत्तर कोरिया ने जो पांच परमाणु परीक्षण किये हैं उनमें से दो पिछले साल ही किये गये थे. उत्तर कोरिया के इन कदमों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दबाव बना है जो अमेरिका और उत्तर कोरियाई तनातनी को थामने का पक्षधर है. खुफिया अधिकारियों का अनुमान है कि उत्तर कोरिया दो सालों के भीतर ही अमेरिका पर हमला कर सकता है. सैटेलाइट से प्राप्त तस्वीरों से अनुमान लगाया गया है कि उत्तर कोरिया अपने पूर्व नेता किम इल सुंग की याद में एक ओर परीक्षण की तैयारी में है. वहीं दक्षिण कोरिया की ओर से कहा गया है कि अगर उत्तर कोरिया अपनी इस उकसाने वाली नीति के साथ आगे बढ़ता है तो दक्षिण कोरिया और चीन साथ में काम करेंगे. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति पहले ही कह चुके हैं कि अगर चीन अपने पड़ोसी के परमाणु कार्यक्रम को रोकने में मदद नहीं करेगा तो वह अकेले ही कार्रवाई कर सकता है.

एए/ओएसजे (एएफपी, रॉयटर्स, डीपीए)