हद से ज्यादा दुलार पसंद नहीं करती बिल्लियां
२५ नवम्बर २०१४कई बार दुलार बुरी तरह खत्म होता है. बिल्ली अपनी पूंछ से संकेत दे रही होती है कि अब उसे और थपथपाहट नहीं चाहिए. मालिक के लगातार ऐसा करने पर अक्सर वह खरोंच देती है. ब्रिटेन की चैरिटी संस्था कैट्स प्रोटेक्शन के मुताबिक बिल्लियों को हल्का फुल्का दुलार ही पसंद आता है. जब उनका दिल भर जाता है तो या तो वे पूंछ अकड़ाकर बताती हैं, या फिर आंखें छोटी करके. या तो वे अपने होंठ भींचने लगती हैं या फिर कान पीछे की तरफ खड़े कर देती हैं. अगर बिल्ली ऐसा करती है तो समझ जाइए कि वह आपको संकेत दे रही हैं, बहुत हुआ दुलार!
संस्था ने रिसर्च में पाया कि आधे से ज्यादा बिल्लियों के मालिक यह नहीं समझते कि बिल्ली को कितना दुलार चाहिए. एक और बात जो गौर करने की है वह यह कि बिल्लियां अपने अलावा किसी और पालतू जानवर को घर में देखना पसंद नहीं करतीं. ऐसा करने से घर का माहौल खराब ही होता है.
चैरिटी संस्था में काम करने वाली वेनेसा होवी ने बताया कि किसी और बिल्ली या कुत्ते के साथ एक ही घर में रहना दोनों को जानवरों को तनाव देता है. ऐसे में बिल्लियों के रवैये में दूसरी तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं. जैसे कि खिसियाहट में मिट्टी खोदना या फिर दब्बू होकर पीछे रहना. बिल्लियों को हर समय गोद में या बिस्तर में रहना भी नहीं पसंद होता है. बिल्लियों के पास कुछ ऐसे ठिकाने होने चाहिए जहां वे आराम और सुरक्षा का एहसास कर सकें. मालिकों को चाहिए कि वे उनके लिए छुपने के कुछ ठिकाने बना दें.
एसएफ/एएम (डीपीए)