हत्याओं के बाद मध्यपूर्व में तनाव
१ जुलाई २०१४12 जून को पश्चिम तट की एक सड़क से तीन किशोर लापता हो गए. इनमें से दो 16 साल के और एक 19 साल का था. वे सड़क के किनारे खड़े होकर लिफ्ट मांग रहे थे. उनका अपहरण करने के बाद उन्हें गोलियों से उड़ा दिया गया और उनके शवों को पेड़ों के तनों और पत्थरों से ढक दिया गया. इस्राएल की जनता में इस मामले को लेकर सनसनी फैल गई और पुलिस ने पूरे इलाके को छान कर इन लड़कों को ढूंढने की कोशिश की. इनके शवों के मिलने के बाद मामला और पेचीदा हो गया है.
इस्राएल ने हमास के दो सदस्यों, मरवाल कवसमेह और आमिर अबु आइशे को किशोरों की मौत का जिम्मेदार ठहराया है. किशोरों के गायब होने के बाद इस्राएल ने उन्हें खोजने के लिए एक बड़ी टीम भेजी जिसने 419 फलिस्तीनियों को गिरफ्तार किया. इनमें से 276 हमास के सदस्य माने जा रहे थे.
इस्राएल की सेना और मंत्रिमंडल के कई सदस्यों ने कम हिंसक जवाब की बात की है लेकिन देश में कई नेता गजा पट्टी पर सैन्य कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इस्राएली रक्षा मंत्री मोशे यालोन ने कहा कि इन लड़कों की मौत का वह जरूर बदला लेंगे. "हमास इन किशोरों की मौत का जिम्मेदार है और हम जानते हैं कि उनके साथ हिसाब कैसे सही किया जा सकता है. हम इनके खूनियों को खोजते रहेंगे. उनके मिलने तक हम आराम नहीं करेंगे और चुप नहीं रहेंगे."
इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने मंत्रियों से कहा है कि इन किशोरों को "मनुष्य के भेष में जानवरों ने मारा है." सोमवार रात को इस्राएली मंत्रियों की एक आपातकालीन बैठक का आयोजन हुआ लेकिन कार्रवाई को लेकर मंत्री एकमत नहीं थे. एक इस्राएली अधिकारी के मुताबिक रक्षा मंत्री यालोन ऐसा जवाब देना चाहते थे जिससे गजा के साथ संबंधों को बचाया रखा जा सके. अब तक यालोन के प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं हुई है.
किशोरों के शवों के मिलने के कुछ ही देर बाद से लड़ाकू विमानों ने गजा पर हमला शुरू किया और 34 जगहों पर बम बरसाए. फलिस्तीनी डॉक्टरों के मुताबिक चार लोग हमले में घायल हुए. हमास ने इस बीच इस्राएल को धमकी दी है कि अगर उसके खिलाफ कोई कार्रवाई हुई तो वह "नर्क के दरवाजे" खोल देगा.
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तीन किशोरों की मौत की आलोचना की है लेकिन बिना सोचे समझे कार्रवाई शुरू करने से मना किया है, जिससे मामला और अस्थिर होगा. ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और पोप फ्रांसिस ने भी हत्याओं की निंदा की है.
एमजी/एजेए (एएफपी, रॉयटर्स)