हड़ताल और झड़पों के बीच श्रम कानून मुद्दा
केंद्र सरकार के श्रम कानूनों में बदलाव के फैसले के खिलाफ 10 ट्रेड यूनियन संघों ने देश भर में 24 घंटे की हड़ताल छेड़ दी.
देश भर में होने वाली इस हड़ताल से पश्चिम बंगाल और केरल सहित देश के कई हिस्सों में जनजीवन प्रभावित हुआ.
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में तृणमूल कांग्रेस और सीपीएम के समर्थकों के बीच झड़प इतनी बढ़ गई कि पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा.
ट्रेड यूनियन अपनी 12 सूत्री मांगों के साथ मंत्रियों के समूह से मिले थे लेकिन बातचीत से नतीजा ना निकल पाने के बाद हड़ताल का फैसला लिया गया.
हड़ताल में देश भर के करीब 15 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया.
बीजेपी समर्थित ट्रेड यूनियन भारतीय मजदूर संघ इस हड़ताल में शामिल नहीं हुई.
जब इस तरह की हड़तालें होती हैं उत्पादकता पर भी असर पड़ता है. पिछली कुछ हड़तालों से देश को लाखों डॉलर का नुकसान हुआ है
श्रम मंत्रालय का कहना है कि वह संगठनों की सभी मांगों पर गंभीरता से विचार कर रहा है. हड़ताल में शामिल ट्रेड यूनियन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीति से खुश नहीं हैं.