स्वाधीनता दिवस के भाषण में बलोचिस्तान
१५ अगस्त २०१६दक्षिण एशिया के दो परमाणुशक्ति-संपन्न पड़ोसी देशों के बीच तनाव कोई नई बात नहीं. 14-15 अगस्त को दोनों ही देशों ने ब्रिटिश शासन से आजादी की 70वीं वर्षगांठ मनाई. लेकिन इन देशों के भीतर भी ऐसे कई धड़े हैं जो अपनी आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. कुछ ऐसे ही गुट पाकिस्तान के बलोचिस्तान और गिलगिट क्षेत्र में हो रही ज्यादतियों की ओर दुनिया भर का ध्यान दिलाने की कोशिशें करते आए हैं. लेकिन भारत के स्वाधीनता दिवस को लाल किले की प्राचीर से दिए भारतीय प्रधानमंत्री के औपचारिक संबोधन में बलोचिस्तान का जिक्र होना नई बात है.
15 अगस्त को आजादी के इस उत्सव पर अपने तीसरे संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के बलोचिस्तान के हालात पर बात की. मोदी ने कहा, "मैं बलोचिस्तान, गिलगिट, बल्टिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर के लोगों के बारे में बात करना चाहता हूं." बीते शुक्रवार प्रधानमंत्री मोदी ने एक बैठक में कहा था, "वक्त आ गया है कि बलोचिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में लोगों पर ढाए जा रहे अत्याचार के बारे में पूरी दुनिया को जवाब दे."
मोदी ने कहा, "पूरा विश्व इस ओर देख रहा है. बलोचिस्तान, गिलगिट और पाक-अधिकृत कश्मीर के लोगों ने पिछले कुछ दिनों में मुझसे काफी आभार प्रकट किया है." प्रधानमंत्री ने इसे गर्व की बात बताते हुए कहा, "यह एक गौरव का क्षण है कि ये लोग भारत की ओर मदद की उम्मीद लिए देख रहे हैं."
एक देश के स्वाधीनता दिवस कार्यक्रम में दूसरे देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी की परंपरा नहीं रही है. पीएम मोदी के पाकिस्तान पर बयान को प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है. पिछले कुछ समय से भारत-प्रशासित कश्मीर में आजादी की मांग को पाकिस्तानी नेताओं ने काफी समर्थन दिया था. दोनों देशों के बीच अब तक तीन युद्ध लड़े जा चुके हैं, जिनमें से दो युद्ध कश्मीर को लेकर ही थे. कश्मीर का करीब दो तिहाई हिस्सा भारत के जबकि एक तिहाई पाकिस्तान के प्रशासन क्षेत्र में आता है. दोनों ही देश एक दूसरे पर दूसरे के अधिकृत इलाके में तनाव पैदा करने की कोशिशें करने का आरोप लगाते रहे हैं.