स्पैम से किन देशों को है खतरा?
साइबर सिक्युरिटी कंपनी कैस्परस्की लैब ने स्पैम मेल से प्रभावित देशों की सूची जारी की है. स्पैम मेलबॉक्स में आने वाले अनचाहे विज्ञापन होते हैं. लेकिन अब अपराधी इसके जरिये वायरस और नुकसानदेह चीजें भेजने लगे हैं.
हमले से परेशान
सेंधमारी यानि फिशिंग (Phishing) अटैक ने सबसे अधिक चीन (20.21 फीसदी), ब्राजील (18.23 फीसदी) और संयुक्त अरब अमीरात (11.07 फीसदी) के उपभोक्ताओं को प्रभावित किया है. फिशिंग के जरिये संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है.
भारत नहीं पीछे
भारत स्पैम पैदा करने वाले देशों की सूची में सबसे ऊपर है. दुनिया में तकरीबन 14 फीसदी स्पैम मेल भारत से भेजे गये. पिछली तिमाही के मुकाबले इसमें 4.4 फीसदी की वृद्धि हुई. इसके बाद वियतनाम और अमेरिका का नंबर आता है.
रूस और इटली
अनचाहे मेल प्राप्त करने के मामले में रूस चौथे और इटली पांचवें स्थान है. पिछले साल दुनिया के तकरीबन 5.4 फीसदी अनचाहे ईमेल इटली के मेलबॉक्स में गये तो रूस में यह आंकड़ा 5.6 फीसदी का था.
जनसंख्या पर लक्ष्य
साल 2016 में दुनिया के 7.3 फीसदी स्पैम ने चीन के मेल-बॉक्स को भी निशाना बनाया. दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला यह देश स्पैम मेल भेजने वालों की तीसरी सबसे बड़ी पसंद रहा.
तकनीक पर चोट
दूसरे स्थान पर है जापान, जहां तकरीबन 7.6 फीसदी स्पैम मेल पहुंचे. जापान के प्रशासन ने देश में स्पैम की इस भारी तादाद पर चिंता जताई है. पिछले आंकड़ों की तुलना में इन स्पैम में 2.36 फीसदी की बढ़त देखी गई है.
पहली पसंद
स्पैम से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में पहले स्थान पर है जर्मनी. जर्मनी दुनिया में बेशक अपने अनुशासन और नियम कायदों के पालन के लिये जाना जाता है लेकिन स्पैम पर इसका कोई बस नहीं. साल 2016 में दुनिया के 14.1 फीसदी स्पैम जर्मनी भेजे गये.