स्टार्टअप कंपनियों में पैसा लगाने वाले बड़े निवेशक
भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में अब देसी-विदेशी कंपनियां दिल खोल कर निवेश कर रही हैं. अमेरिकी, जापानी और भारतीय कंपनियां तो बड़ी निवेशक रही ही हैं, अब चीनी कंपनियां भी बढ़-चढ़ कर पैसा लगा रही हैं.
सिकोइया कैपिटल
कैलिफोर्निया की कंपनी सिकोइया कैपिटल ने साल 2018 में 34 भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में निवेश किया. सिकोइया ने ओयो रूम्स, ग्रोफर्स, बायजू, जस्ट डायल, फ्रीचार्ज, जोमैटो, ओला कैब, अर्बन लैडर और म्यू सिगमा जैसे कई स्टार्टअप में निवेश किया है.
सॉफ्ट बैंक
जापानी कंपनी सॉफ्ट बैंक स्टार्टअप की दुनिया में एक जाना माना नाम है. साल 2011 में भारतीय बाजारों में दाखिल हुई सॉफ्ट बैंक अब तक कई भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में निवेश कर चुकी है. सॉफ्ट बैंक ने इनमोबी, स्नैपडील, हाउसिंग, ओयो, पेटीएम, फ्लिपकार्ट, हाइक मैंसेजर और ग्रोफर्स में काफी निवेश किया.
एसेल पार्टनर
अमेरिकी कंपनी एसेल पार्टनर साल 1983 में बनी थी. 2018 में कंपनी ने करीब 33 भारतीय स्टार्टअप में निवेश किया. कंपनी ने फ्लिपकार्ट, हॉलीडे आईक्यू, कवरफॉक्स, स्विगी, अर्बन क्लैप और बुक माय शो जैसी मशहूर कंपनियों में निवेश किया है.
चिराते वेंचर्स
चिराते वेंचर्स की पेरेंट कंपनी है- आईडीजी वेंचर्स. साल 1996 में बनी आईडीजी वेंचर्स का मुख्यालय सेन फ्रांसिस्को में है. साल 2018 में कंपनी ने भारत के 20 स्टार्टअप में निवेश किया. कंपनी ने लेंसकार्ट, यात्रा डॉटकॉम, जिवामी, मिंत्रा, रेंटऑनमोजो, फर्स्ट क्राई, फ्लिपकार्ट और पॉलिसी बाजार जैसी कंपनियों में निवेश किया है.
सैफ पार्टनर्स
एशियाई बाजारों में काम करने वाली सैफ पार्टनर्स एक निजी इक्विटी फर्म है, जिसके भारत, चीन और हांगकांग में दफ्तर हैं. कंपनी स्टार्टअप कंपनियों के लिए एक बड़ी वेंचर कैपिटलिस्ट है, कंपनी ने बुक माय शो, मेक माय ट्रिप, जस्टडायल डॉट कॉम, होमशॉप 18, पेटीएम, जोवी और प्रॉपटाइगर जैसे स्टार्टअप में पैसा लगाया.
कलारी कैपिटल
कलारी कैपिटल एक वेंचर कैपिटल फर्म है जो स्टार्टअप के शुरुआती दौर में निवेश करती है. कंपनी मुख्य रूप से तकनीक, सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स, ई-कॉमर्स, एजुकेशन, हेल्थकेयर आदि कंपनियों में निवेश करती है. कलारी कैपिटल ने स्नैपडील, योरस्टोरी, पॉपएक्सो, स्कूपव्हूप और कैशकरो जैसी कंपनियों में निवेश किया. 2018 में कंपनी ने 17 भारतीय स्टार्टअप में निवेश किया
नेक्सस वेंचर कैपिटल
इस वेंचर कैपिटल फर्म का दफ्तर अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में है. कंपनी ने स्नैपडील, शॉपक्लूज और क्राफ्ट्सविला में निवेश किया है. कंपनी शुरुआती दौर में अधिक निवेश करती है. साल 2018 में कंपनी ने भारत के 17 स्टार्टअप में निवेश किया.
मैट्रिक्स पार्टनर्स
अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी फर्म मैट्रिक्स पार्टनर्स आम तौर पर भारतीय और अमेरिकी कंपनियों में निवेश करती है. कंपनी के पोर्टफोलियो में सॉफ्टवेयर, कम्यूनिकेशन, सेमीकंडक्टर और डाटा स्टोरेज के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां शामिल हैं. 2018 में मैट्रिक्स ने भारत के 15 स्टार्टअप में निवेश किया. इसमें ओला, क्विकर, प्रेक्टो, डेलीहंट, लाइमरोड और ट्रीबो जैसे स्टार्टअप शामिल हैं.
ओमिड्यार नेटवर्क
ओमिड्यार नेटवर्क ईबे के संस्थापक पियरे ओमिड्यार और उनकी पत्नी पैम ओमिड्यार ने साल 2004 में बनाई थी. कंपनी मुख्य तौर पर गैरलाभकारी संस्थाओं और कंपनियों में निवेश करती है. कंपनी का जोर एजुकेशनल और फाइनेंशियल सर्विसेज क्षेत्र की स्टार्टअप कंपनियों में अधिक है. 2018 में कंपनी ने 15 स्टार्टअप में निवेश किया.
शुनवेई कैपिटल
चीन की कंपनी शुनवेई कैपिटल ने साल 2018 में 12 भारतीय स्टार्टअप में निवेश किया. कंपनी ने जस्टमनी, कैशिफाई, वोकल, समोसा लैब्स जैसे स्टार्टअप में काफी निवेश किया है.