स्कॉटलैंड की आजादीः कुछ सवाल
18 सितंबर को स्कॉटलैंड की जनता जनमत सर्वेक्षण के जरिए तय करेगी कि क्या उसे 2016 से आजादी चाहिए. फिलहाल स्कॉटलैंड ब्रिटेन में आता है. इससे क्या फायदा होगा और क्या नुकसान, एक नजर तस्वीरों में.
उम्मीद और नाउम्मीदी के बीच
आजाद स्कॉटलैंड, यह सिर्फ स्कॉटलैंड के लिए ही नहीं ब्रिटेन, यूरोप और नाटो के लिए बड़ा फैसला होगा.
समर्थकों की दलील
आजादी के समर्थकों का मानना है कि 50 लाख की जनसंख्या वाले इस इलाके को कुछ नुकसान नहीं होगा. उत्तरी सागर में तेल के कुएं से मिलने वाले धन से वह अपने पैर पर खड़े हो सकते हैं. ब्रिटेन के तेल का अधिकतर हिस्सा स्कॉटलैंड से ही जाता है.
विरोधकों का मत
आजादी के विरोधियों का मानना है कि अंतर से समानता ज्यादा है. उन्हें सबसे ज्यादा चिंता विपरीत आर्थिक परिणामों की है. एक मुद्दा कि उत्तरी सागर से मिलने वाला प्राकृतिक ईंधन और तेल कब तक चलेगा.
मुद्रा कौन सी
जनमत संग्रह से पहले कई छोटी छोटी चीजें साफ नहीं हुई है. जैसे कि स्कॉटलैंड की मुद्रा क्या होगी, पाउंड या स्टरलिंग. क्या स्कॉटलैंड यूरोपीय संघ में जाएगा. ऐसे में क्या वहां भी यूरो चलेंगे. या क्या उसकी कोई अपनी मुद्रा होगी.
परमाणु हथियार नहीं
फिलहाल परमाणु हथियार वाली पनडुब्बी क्लाइड नदी के मुहाने पर ग्लास्गो के उत्तर पश्चिमी हिस्से में रखी हुई हैं. स्कॉटलैंड के अलग होने पर ब्रिटेन की इन पनडुब्बियों का क्या होगा, उन्हें कहां रखा जाएगा, यह भी साफ नहीं है.
कैसा देश
ब्रिटेन से अलग हुआ स्कॉटलैंड एक संवैधानिक राजशाही भी बन सकता है जिसकी प्रमुख ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ द्वितीय होंगी, जैसे कि कनाडा है. हालांकि कुछ लोग स्कॉटिश गणराज्य के बारे में भी सोच रहे हैं.
नागरिकता और कर्ज
दोहरी नागरिकता के बारे में भी अभी तक कुछ तय नहीं किया गया है. क्या ब्रिटेन और स्कॉटलैंड दोनों का पासपोर्ट रखा जा सकेगा. स्कॉटलैंड को अगर अपनी मुद्रा पाउंड रखने की अनुमति मिलती है तो वह ब्रिटेन का थोड़ा कर्ज भी लेगा.
यूरोप में
आजाद होने के बाद स्कॉटलैंड अपने आप यूरोपीय संघ में शामिल नहीं हो जाएगा. ब्रिटेन सरकार का कहना है कि अलग होने पर स्कॉटलैंड को सदस्यता के लिए आवेदन करना होगा.