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स्कूलों से क्रॉस हटाने की मांग पर बवाल

२८ अप्रैल २०१०

पहली बार मुस्लिम मूल की एक महिला आईगुएल ओएचकान का जर्मनी के लोवर सैक्सनी राज्य में मंत्री पद की शपथ लेना ऐतिहासिक क्षण है. लेकिन स्कूलों से ईसाईयों का धर्म चिन्ह क्रॉस हटाने की मांग से ओएचकान विवादों में हैं.

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आईगुएल ओएचकानतस्वीर: AP

जर्मनी में कुल डेढ़ करोड़ ऐसे लोग रहते हैं, जो विदेशी हैं या विदेशी मूल के हैं. समाज कल्याण और विदेशी प्रवासियों के समन्वीकरण मंत्री आईगुएल ओएचकान युवा ही नहीं हैं, वह मुसलमान भी हैं. उनकी एक मांग पर बवाल उठ खड़ा हुआ है.

आएगुएल ओएचकान जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल की सीडीयू पार्टी यानी क्रिश्चन डेमोक्रैटिक यूनियन की सदस्य हैं. उन्होने यह मांग की है कि सरकारी स्कूलों में से ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाए जाने को दिखाने वाले क्रॉस को हटाना चाहिए. इस तरह की मांग पहले भी उठी थी.

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तस्वीर: dpa

लेकिन इसे अब तक एक वर्जित विषय माना जाता रहा है. दशकों से सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक प्रतीकों के प्रश्न को लेकर जर्मनी विभाजित रहा है. जर्मनी के सुप्रीम कोर्ट ने 1995 में ही फैसला दे दिया था कि राज्यसत्ता किसी एक धर्म का पक्ष नहीं ले सकती, इसलिए ऐसा कोई निर्देश भी नहीं दे सकती है कि क्लॉस रूमों में क्रॉस लगाए जाएं.

लेकिन इस फैसले के बाद भी ख़ास बदलाव नहीं आया है. चर्च द्वारा संचालित स्कूलों में इस इसाई परंपरा पर सवाल नहीं उठे हैं, ओएचकान की मांग सरकारी स्कूलों तक ही सीमत है. जर्मनी में तुर्क समुदाय के अध्यक्ष केनान कोलात का मानना है कि ओएचकान ने एक ऐसी बात को उठाया है, जिस पर संवाद शुरू करना बहुत ही ज़रूरी है.

"हमारा भी यही मानना है कि स्कूलों में किसी तरह के धार्मिक प्रतीकों की कोई जगह नहीं हैं. सभी धार्मिक प्रतिकों में हम सिर्फ क्रॉस को ही शामिल नहीं करते हैं, इसमें हिजाब या बुर्का भी शामिल है. हम लोकतंत्र में जी रहे हैं और इसलिए सभी को अपनी राय प्रकट करने की आज़ादी होनी चाहिए."

आईगुएल ओएचकान को अपने सुझाव के कारण अपनी ही सीडीयू पार्टी में काफी आलोचना सुननी पड़ी. सीडीयू की सहयोगी पार्टी सीएसयू के महासचीव आलेक्सांदर दोब्रिंत ने सुझाव को अजीब और बेतुका बताया. दूसरे राजनीतिज्ञों का मानना था कि

Niedersachsen Minister
तस्वीर: AP

ओएचकान को पहले यह तय करना चाहिए कि क्या वह अपने लिए सही पार्टी में हैं. लोवर सैक्सनी राज्य के मुख्यमंत्री और सीडीयू पार्टी के सदस्य क्रिस्टियान वुल्फ ने कहा कि ओएचकान बहुत सारे लोगों के लिए आदर्श बन सकती हैं. उनकी पार्टी को स्कूलों में क्रॉस को लेकर कोई समस्या नहीं हैं.

"यदि कोई बात कहने के पहले उस पर सोच-विचार का समय निकाल लिया जाए, तो ऐसे विवादों से हम सब बच सकते हैं. लेकिन मेरे विचार से यह विवाद खत्म हो गया है और हमने सब कुछ स्पष्ट कर दिया है."

लोवर सैक्सनी में विपक्षी एसपीडी पार्टी के सदस्य वोल्फगांग युएटनर ने सीडीयू की आलोचना करते हुए कहा, " सीडीयू और सीएसयू को छोड़ कर इस मामले में ओएचकान की बातों को लेकर किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए. यदि किसी को इस बात को लेकर दिक्कत है कि जर्मनी के संविधान को किस नज़रिए से देखा जाये, तो शायद उसे खुद संविधान से ही दिक्कत है."

जिस तरह से भी देखा जाए, यही कहना होगा कि 2004 से राजनीति में सक्रिय और इसकी वजह से शायद किसी हद तक राजनीति की जटिलताओं से अनजान और क़ानून की पढाई कर चुकी आईगुएल ओएचकान के मंत्री बनने की शुरुआत ज़रा मुश्किल साबित हो रही है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/प्रिया एसलबोर्न

संपादन: राम यादव