1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

कैसे लौटाएं नाइजीरिया की बेटियों को

१४ अप्रैल २०१५

एक साल पहले नाइजीरिया के चिबॉक शहर से 200 से भी अधिक स्कूली लड़कियों को बोको हराम आतंकियों ने अगवा कर लिया था. अब भी उनके घर वालों को उनकी वापसी की उम्मीद लगी है. सोशल मीडिया पर दुनिया भर के लोगों ने उन्हें याद किया.

https://p.dw.com/p/1F7rZ
Symbolbild Entführungen von Frauen und Mädchen in Nigeria
तस्वीर: AFP/Getty Images/P. U. Ekpei

दुनिया भर में हर दिन कई जगहों पर हिंसा, अपहरण और हत्या जैसे अपराध होते हैं. 14 अप्रैल की तारीख गवाह बनी इस्लामी आतंकी समूह बोको हराम की ऐसी ही एक हिंसक करतूत की. 200 से भी अधिक स्कूली बच्चियों को इस कट्टरपंथी संगठन ने अगवा कर लिया और 365 दिन बीत जाने के बाद भी यह लड़कियां घर वापस नहीं लाई जा सकी हैं. सोशल मीडिया साइटों पर लोगों ने निर्दोष लोगों और बच्चों को स्वार्थ की लड़ाईयों में फांसने और इस्तेमाल किये जाने के खिलाफ अपने संदेश लिखे.

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल और संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं ने हालात का जायजा देने वाली नई रिपोर्टें पेश कीं. इनमें हजारों लड़कियों के अगवा होने और खुद उन्हें अपने ही लोगों के खिलाफ लड़ाका बना कर युद्ध में झोंकने की बात कही है.

उत्तरी नाइजीरिया में 2009 से अब तक बोको हराम पर करीब 14,000 लोगों की हत्या का आरोप है. 2009 में ही इस गुट ने इलाके में इस्लामिक स्टेट स्थापित करने के लिए विद्रोह की कार्यवाई शुरु की थी.

एक साल पहले #BringBackOurGirls के साथ शुरु हुआ अभियान अभी भी नहीं थमा है. नाइजीरिया के पूर्व राष्ट्रपति जोनाथन, नई सरकार के मुखिया बुहारी और तमाम अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बावजूद अपहृत लड़कियों को आतंकियों के चंगुल से छुड़ाया नहीं जा सका है.

अपहरण की घटना के तीन महीने बाद तत्कालीन राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन और उनकी पत्नी इन लड़कियों के परिवारों से मिलने पहुंचे. तब उन्होंने तीन हफ्ते के भीतर बच्चियों को वापस लाने और नष्ट हो चुकी स्कूली इमारत की भी मरम्मत पूरी करवाने का वादा किया था. हफ्ते, महीने और अब साल बीत गया लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो पाया. दूसरी ओर, बोको हराम ने गांव वालों पर हमले जारी रखे हुए हैं.

28 मार्च को देश में हुए राष्ट्रपति चुनावों के ठीक पहले ही नाइजीरियाई सेना ने अपने पड़ोसी देशों चाड, कैमरून और नाइजर के साथ मिलकर बोको हराम से उनके कब्जे वाले हिस्से खाली कराने के लिए आक्रमणों की शुरुआत की.

आरआर/एसएफ