सैकड़ों अफ्रीकी प्रवासी स्पेन में
१३ अगस्त २०१४भूमध्यसागर का इस्तेमाल कई प्रवासी किसी तरह यूरोप तक पहुंचने के लिए करते हैं. संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार संस्था यूएनएचसीआर के मुताबिक 2014 के पहले छह महीनों में करीब 75,000 लोगों ने उत्तरी अफ्रीका से भूमध्यसागर के जरिए यूरोप आने की कोशिश की और ये इटली, ग्रीस, स्पेन या माल्टा पहुंचे. यूरोप आने के सफर के दौरान हुए हादसों में करीब 800 लोग मारे भी गए.
मंगलवार को पकड़ी गई 78 नावों और बेड़ों पर सवार लोगों में अधिकतर पुरुष थे और 95 महिलाएं थीं. करीब 20 बच्चे भी थे. इतने सारे लोगों के एक साथ आने का कारण शायद फिलहाल समंदर का शांत होना और गर्मी भी है. स्पेन के मीडिया ने खबर दी है कि मेलिया और सेउटा द्वीपों पर भी लोग पहुंच सकते हैं इसलिए वहां सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
स्पेन सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक, "पिछले साल भी ऐसा ही हुआ था. रमजान के बाद प्रवासियों की लहर आई. माफिया और संगठित अपराधी अच्छे मौसम का फायदा उठा कर इस तरह के काम करते हैं." फिलहाल इन प्रवासियों को टैरिफा के स्पोर्ट सेंटर में रखा गया है.
अब तक पहुंची नावों में करीब 10,500 बच्चे थे जिसमें दो तिहाई अपने परिवार से अलग हो चुके हैं. दूर देश अकेले ही पहुंच चुके हैं. अफ्रीका और मध्यपूर्व में हिंसा के कारण ये लोग जान बचाने के लिए तस्करों की मदद से जर्जर नावों में अनिश्चित भविष्य की ओर निकल पड़ते हैं.
अफ्रीकी देशों से भागकर गैरकानूनी ढंग से यूरोप आने वाले प्रवासियों और कई देशों में जंग के कारण बढ़ते शरणार्थियों के मुद्दे पर ईयू की एक नीति नहीं है. हर देश अपने नियमों के हिसाब से काम करता है. भूमध्यसागर पार करके आने वाले अधिकतर प्रवासी इटली और स्पेन के द्वीपों पर पहुंचते हैं. जहां से या तो इन्हें उनके देश लौटा दिया जाता है या फिर सालों साल वह शरणार्थी के तौर पर भटकते रहते हैं.
एएम/ओएसजे (एएफपी, रॉयटर्स)