1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

सेक्स चेंज कराने वालों को पसंद आ रहा है इंडिया

९ मई २०१६

सेक्स चेंज ऑपरेशन कराने के लिए भारत आने वाले विदेशियों का तादाद तेजी से बढ़ी है. पिछले कुछ समय में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ी है जो भारत आकर सेक्स चेंज ऑपरेशन करा रहे हैं.

https://p.dw.com/p/1Ik8L
Thailand Geschlechtsumwandlung Transsexuelle
तस्वीर: picture-alliance/dpa

दशकों तक अपने डिप्रेशन से लड़ने के बाद पूर्व सैनिक बेटी ऐन आर्चर को आखिरकार दिल्ली में नई जिंदगी मिली. 64 साल की आर्चर ने दिल्ली आकर अपना सेक्स चेंज ऑपरेशन कराया. अमेरिकी सेना में रहीं बेटी ऐन को हमेशा लगता था कि वह पुरुष के शरीर में कैद स्त्री हैं. वह याद करती हैं कि बचपन से ही अपनी मां के कपड़े पहनकर देखा करती थीं. लेकिन उनके सैनिक पिता की सख्ती के सामने इस तरह की बात सोचना भी गुनाह होता.

ऐरिजोना की रहने वालीं आर्चर याद करती हैं कि दो बार तो उन्होंने खुदकुशी की भी कोशिश की. वह बताती हैं, ''मुझे अपने शरीर से नफरत थी. 2011 में मैं इतनी बीमार हो गई कि जान बस चली ही जाती. उस दौरान मैंने फैसला किया कि या तो मुझे ऑपरेशन कराना होगा या मर जाना होगा.''

सेक्स और समलैंगिकता जैसे विषयों पर झिझकते भारतीय समाज के लिए यह हैरतअंगेज हो सकता है कि बेटी जैसे लोगों को भारत आकर्षित कर रहा है. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स कहते हैं कि भारत में सेक्स चेंज ऑपरेशन पश्चिमी देशों के मुकाबले कहीं सस्ता है और फिर यहां वेटिंग लिस्ट भी नहीं है, यानी लोगों को सालों साल इंतजार नहीं करना पड़ता. वैसे अब तक थाईलैंड इस तरह के टूरिस्टों का पसंदीदा देश रहा है. लेकिन बेटी ऐन आर्चर ने काफी रिसर्च के बाद थाईलैंड जाने के बजाय भारत आने का फैसला किया. उन्होंने उत्तरी दिल्ली के ओलमेक सेंटर को चुना. वह बताती हैं कि थाईलैंड कुछ ज्यादा ही महंगा हो गया है. उन्होंने कहा, ''यहां सस्ता है. यह उन ट्रांसजेंडर्स के लिए एक अच्छा विकल्प है जिनके पास ज्यादा पैसा नहीं है.''

आर्चर के दिल्ली में करीब 4 लाख रुपये खर्च हुए. अमेरिका में इसी काम के लिए उन्हें 20 लाख से ज्यादा रुपये खर्चने होते. हालांकि भारत में भी ऐसा ऑपरेशन कराने वालों की कमी नहीं है. ओलमैक के संस्थापक और प्लास्टिक सर्जन नरेंद्र कौशिक बताते हैं कि वह हर साल करीब 200 लोगों का सेक्स चेंज ऑपरेशन करते हैं. इनमें से ज्यादातर भारतीय होते हैं. लेकिन कौशिक के मुताबिक हाल के सालों में विदेशी मरीजों की संख्या काफी बढ़ी है. वह बताते हैं कि पहले 5-10 विदेशी ही आते थे जो अब 20 से ज्यादा हो गया है.

भारत सरकार मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए खासा काम कर रही है. हाल ही में सरकार ने एम-वीसा नाम से साल भर का वीसा देने की योजना भी शुरू की है. फिलहाल यह उद्योग 3 अरब डॉलर का है और उम्मीद की जा रही है कि 2020 तक बढ़कर यह दोगुना हो जाएगा.

वीके/एमजे (एएफपी)