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सुभाष घई लेंगे एक साल की छुट्टी

२४ नवम्बर २०१०

बॉलीवुड के सीनियर शोमैन सुभाष घई फिल्मों से एक साल की रचनात्मक छुट्टी लेकर फिर से नया उत्साह बटोरना चाहते हैं. युवराज की नाकामी के बाद से पहली बार वह छुट्टी से लौटकर नई हिंदी फिल्म बनाएंगे.

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युवराज में साथ आए घई और गुलजारतस्वीर: UNI

गोवा में अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भाग ले रहे सुभाष घई ने कहा कि वह एक साल की लंबी छुट्टी पर जा रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि वह खुद को नई शुरुआत के लिए रिचार्ज कर पाएंगे. उन्होंने कहा, "अब मैं एक साल की सबैटिकल पर जा रहा हूं और लौटकर मैं एक हिंदी फिल्म का निर्देशन करूंगा. मैं किसी नवोदित कलाकार के साथ फिल्म बना सकता हूं."

हिंदी फिल्म उद्योग को हीरो, राम लखन और सौदागर जैसी सफल फिल्में देने वाले सुभाष घई गोवा फिल्म महोत्सव में रबींद्र नाथ टैगोर के उपन्यास पर आधारित बंगला फिल्म नौका डूबी के लेकर पहुंचे हैं. वह तीन दशकों से फिल्म निर्माण कंपनी मुक्ता आर्ट्स चलाते हैं. उनकी कंपनी एक फिल्म स्कूल भी चलाती है.

निर्देशक के रूप में उनकी अंतिम फिल्म 2008 में रिलीज हुई युवराज थी, जिसमें सलमान खान और कैटरीना कैफ ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं. फिल्म को न तो अच्छी आलोचना मिली और न ही वह बॉक्स ऑफिस पर सफल रही थी.

पिछले कुछ सालों से विभिन्न भाषाओं में फिल्म निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहे सुभाष घई का कहना है कि मल्टीटास्किंग उन्हें अच्छी लगती है और वह अब नई प्रतिभाओं का मार्गदर्शन करना चाहते हैं. वह कहते हैं, "कास्टिंग विषय पर निर्भर करती है. युवराज में मैंने सलमान और कैटरीना को चुना, लेकिन उसके बाद मैंने ब्लैक एंड व्हाइट बनाई जिसमें एक नए चेहरे को पेश किया गया."

अपनी 17 फिल्मों में से 14 ब्लॉकबस्टर देने वाले सुभाष घई कहते हैं, हाल में हमने पश्चिम एक्सप्रेस नामक फिल्म बनाई है जिसमें मेरे फिल्म स्कूल के छात्रों ने निर्देशन और अभिनय किया है. मेरे लिए वे सब एक्टर हैं न कि स्टार. यदि वे रोल में फिट बैठते हैं तो मैं उनके पास जाता हूं. सुभाष घई के व्हिसलिंग वुड्स इंटरनैशनल फिल्म स्कूल में फिल्म, टेलिवजन, एनिमेशन और मीडिया आर्ट्स से संबंधित विषयों का प्रशिक्षण दिया जाता है.

सफल फिल्मों के जादूगर सुभाष घई को भी पता नहीं कि फिल्में कैसे सफल होती हैं. वह कहते हैं, "कभी कभी बहुत बहुत बुरी फिल्में हिट हो जाती हैं जबकि कुछ उतनी सफल नहीं हुई फिल्में सचमुच अच्छी हैं." चार दशकों से फिल्म निर्माण में लगे घई कहते हैं कि बॉलीवुड में कुछ मामलों में अपार प्रगति हुई है तो कुछ क्षेत्रों में उसकी हालत बिगड़ी है. तकनीक के मामले रूप से हम पहले के मुकाबले बहुत आगे आए हैं लेकिन जहां तक विषय वस्तु का सवाल है तो हम बहुत पीछे हैं, कहना है सुभाष घई का.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: वी कुमार

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