सुपरबोल में भिड़ेंगे फेसबुक ट्विटर भी
१ फ़रवरी २०१४फेसबुक और ट्विटर एक दूसरे से स्क्रीन पर भिड़ेंगे. पूरे मैच के दौरान अलग अलग अपडेट्स के अलावा इसमें शामिल होने वाले खिलाड़ियों की भागीदारी इस बात को तय करेगी कि सोशल नेटवर्किंग साइटों में कौन किस पर भारी पड़ता है. फेसबुक लोगों का सबसे पसंदीदा साइट जरूर है लेकिन सेलिब्रिटियों के मामले में ट्विटर कई बार भारी पड़ता है.
अमेरिकी फुटबॉल की सुपरबोल प्रतियोगिता को देखने वालों की संख्या हर साल ऐसी ही होती है, जहां विज्ञापनों को लेकर भी खासा उत्साह देखा जाता है. किसी जमाने में एप्पल ने अपने मैक कंप्यूटर का इश्तिहार भी सुपरबोल में ही दिया था. अमेरिका में हर साल टेलीविजन पर करीब 70 अरब डॉलर का विज्ञापन दिया जाता है. फेसबुक और ट्विटर को उम्मीद है कि इस बार के मुकाबले के दौरान उनके खाते में भी खासी रकम आ सकती है.
इस दौरान दोनों ही कंपनियां बिलकुल मैच के दौरान नए विज्ञापन देकर यूजरों को आकर्षित कर सकते हैं. फेसबुक अपने प्रतिद्वंद्वी ट्विटर से करीब पांच गुना बड़ा है लेकिन ट्विटर की 140 कैरेक्टर की खासियत उसे अलग रूप देती है. न्यूकैसल ब्राउन एल के ब्रांड एम्बैसडर क्विन किलबरी कहते हैं, "ट्विटर रियल टाइम में संवाद का बेहतर साधन है. लेकिन फेसबुक भी तेजी से बढ़ रहा है और उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है."
इस बार का सुपरबोल फेसबुक का बड़ा इम्तिहान होगा. इसकी टीम ने फॉक्स स्पोर्ट्स के साथ गठजोड़ किया है. फॉक्स स्पोर्ट्स ही इस मैच का सीधा प्रसारण करेगा. एक खास वेबसाइट से यूजर डाटा और उनके कमेंट रियल टाइम में प्रसारित करने की योजना है. इसकी वजह से कमेंट्री जैसी चीज फेसबुक पर भी दिख सकती है.
फेसबुक के वाइस प्रेसिडेंट जस्टिन ओसोफ्स्की का कहना है, "फेसबुक अलग तरह का अनुभव देने वाला है. आपको शानदार कंटेंट मिलेगा और उसमें निजता का पुट भी होगा." उन्होंने बताया कि सिएटल के एक खिलाड़ी रिचर्ड शेरमन के विवादित इंटरव्यू के बाद करीब 44 लाख लोगों ने इस मुद्दे पर फेसबुक पर चर्चा की. ट्विटर की तरह फेसबुक ने भी हैशटैग (#) और ट्रेंडिंग की सुविधा शुरू की है. हालांकि लगातार फेसबुक इस्तेमाल करने वालों को इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है.
जहां तक पिछले साल का सवाल है, ट्विटर ने सुपरबोल के मुकाबले में फेसबुक को पछाड़ दिया था. उसका अमेरिका के एनएफएल के साथ एक पार्टनरशिप भी है जिससे उसे फायदा पहुंचता है. यही संस्था यह मुकाबला कराती है.
सोशल नेटवर्किंग साइटों के इस मुकाबले को सेकंड स्क्रीन भी कहा जा रहा है, जिसका अर्थ फेसबुक और ट्विटर की प्रतिद्वंद्विता से है.
एजेए/एमजी (रॉयटर्स)