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सुधींद्र पर कालिख या लोकतंत्र पर

समरा फातिमा१२ अक्टूबर २०१५

मुंबई में पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री की किताब के विमोचन के विरोध में शिव सेना ने ओआरएफ के सुधींद्र कुलकर्णी के मुंह पर कालिख पोती. हफ्ते में दूसरी बार शिव सेना ने किसी पाकिस्तानी से संबंधित कार्यक्रम का विरोध किया.

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Indien Pakistan Kaschmir Proteste
तस्वीर: picture-alliance/dpa

शिवसेना कार्यकर्ताओं के हाथों मुंह पर काली स्याही पोती जाने के बावजूद ऑबजर्वर रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक सुधींद्र कुलकर्णी ने पुस्तक का विमोचन कर प्रेस को संबोधित किया. कुलकर्णी ने पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी को उनकी किताब 'नीदर ए हॉक नॉर ए डव: एन इनसाइडर्स एकाउंट ऑफ पाकिस्तांस फॉरेन पॉलिसी' के विमोचन के लिए मुंबई आने की दावत दी थी.

हालांकि स्याही पोते जाने की घटना के बाद कसूरी ने दुख जताते हुए कहा कि सुधींद्र चाहें तो बुक लॉन्च रद्द कर दें. कुलकर्णी ने प्रेस वार्ता में इस घटना के बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया और सिर्फ किताब से संबंधित प्रश्नों के उत्तर देने की बात की.

इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर मिली जुली प्रतिक्रिया है. जहां कुछ लोग इसे पाकिस्तान का विरोध किए जाने का सही तरीका बता रहे हैं तो कुछ के मुताबिक यह लोकतंत्र का गला घोंटने जैसा है.

घटना की निंदा बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण अडवाणी ने भी की है. सुधींद्र कुलकर्णी 2009 तक बीजेपी के सदस्य थे, वे बीजेपी के प्रमुख नेताओं वाजपेयी और अडवाणी के करीबी रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में वे उनके भाषण लिखा करते थे. साथ ही 2008 में वे लाल कृष्ण अडवाणी के सलाहकार रहे.

इससे पहले 10 अक्टूबर को पाकिस्तानी गायक गुलाम अली का कॉन्सर्ट पुणे में आयोजित किया जाना था जिसे शिव सेना की धमकियों के कारण रद्द किया जाना पड़ा. गुलाम अली भारतीय गजल गायक जगजीत सिंह के करीबी दोस्त रहे हैं. यह कार्यक्रम जगजीत सिंह की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पुणे में आयोजित किया जाना था. इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुलाम अली को दिसंबर में दिल्ली में कार्यक्रम पेश करने का आमंत्रण दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है.

इस बार भी कसूरी की किताब के विमोचन के विरोध की घटना को लेकर सोशल मीडिया पर कई लोग केजरीवाल के रुख की जैसे प्रतीक्षा कर रहे हों.