सिर्फ देश के लिए खेलना चाहते हैं यूनुस खान
२५ मई २०१०पीसीबी अधिकारियों से अपील करते हुए यूनुस ने कहा, ''सफाई का मौका दिए बिना मुझ पर प्रतिबंध लगा दिया गया. मुझे न्याय चाहिए क्योंकि मैं अपने देश के लिए खेलना चाहता हूं.'' यूनुस खान उन सात खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड दौरे के बाद से प्रतिबंध या जुर्माना लगाया है.
बीते साल चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान विवादों में आए यूनुस को उनके साथी खिलाड़ी झगड़ालू मानते हैं. ऑस्ट्रेलिया दौरे में जब टीम बुरी तरह हारी तो यूनुस पाकिस्तान लौट आए. पीसीबी ने मामले की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि शाहिद अफरीदी और मोहम्मद युसूफ जैसे सीनियर खिलाड़ियों के साथ उनकी अनबन रहती है. इसके बाद 32 साल के यूनुस से कप्तानी छीन ली गई और तब से वह टीम से बाहर हैं.
यूनुस का कहना है कि, ''मैंने टीम के अंदर मुश्किलें बताईं और पीसीबी ने मुझ पर ही प्रतिबंध लगा दिया.'' यूनुस जनवरी 2009 में शोएब मलिक को हटाकर कप्तान बनाए गए थे. यूनुस का कहना है कि अन्य देशों की टीमें उन्हें लगातार न्योते भेज रही है. पीसीबी के कान में बात डालने के मकसद से उन्होंने कहा, ''इस प्रतिबंध की वजह से मेरा करियर लड़खड़ा गया है. मुझे इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में खेलने के लिए न्योते मिल रहे हैं लेकिन मैं सिर्फ अपने देश के लिए खेलना चहता हूं. अपने लोगों के लिए खेलना चाहता हूं.'' यूनुस ने हाल ही में इंग्लैंड की सरे काउंटी के साथ करार किया है.
यूनुस पर पीसीबी भी नरम दिखाई पड़ रही है. बोर्ड अध्यक्ष एजाज बट ने पाकिस्तान को टी-20 वर्ल्ड कप जिताने वाले कप्तान की तारीफ में कहा, ''यूनुस ने हमेशा देश के लिए खेला है. मैच फिक्सिंग के आधारहीन आरोपों की वजह से उनका करियर गड़बड़ा गया.'' पिछले साल चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान यूनुस ने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ एक आसान सा कैच टपकाया था, जिसके बाद उन पर फिक्सिंग के आरोप लगने शुरू हुए.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल