सिरील अलमेइदा: कोई कहे गद्दार, कोई सच लिखने वाले
११ अक्टूबर २०१६पाकिस्तानी अखबार डॉन के पत्रकार अलमेइदा की एक हालिया रिपोर्ट बहुत चर्चा में रही जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तानी सरकार ने सेना को दोटूक अंदाज में आतंकवादियों पर कार्रवाई करने को कहा है. इसके मुताबिक सरकार ने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो पाकिस्तान अलग थलग पड़ जाएगा. पाकिस्तान में सेना को बेहद अहम माना जाता है. कई बार कहा जाता है कि देश की असल नीति सेना के मुख्यालय में ही बनती है. पाकिस्तान सरकार ने डॉन की रिपोर्ट को बेबुनियाद कहा है.
इसके बाद सोमवार को सिरील ने ट्विटर पर लिखा, "मुझे बताया गया है, सूचित किया गया है, सबूत दिखाया गया है कि मेरा नाम एक्जिट कंट्रोल लिस्ट में है.” यानी वो देश से बाहर नहीं जा सकते. सिरील ने लिखा कि वो कहीं नहीं जाना चाहते हैं और पाकिस्तान उनका घर है.
भारत और पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर जहां कई लोग सिरील के समर्थन में ट्वीट कर रहे हैं, वहीं कई लोग उन पर और उनकी रिपोर्ट पर सवाल भी उठा रहे हैं.
उज्ज्वल आचार्य ने ट्वीट किया, "जानकर दुख हुआ कि डॉन के लिए आचोलनात्मक रिपोर्ट करने के बाद सिरील अलमाइदा को विदेश यात्रा से रोक दिया गया है.”
फारूख तहसीन लिखते हैं कि अलमेइदा का नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट पर रखने से साफ है कि उन्होंने जो कुछ लिखा उसमें कुछ तो सत्य है.
फरजाना इस्फहानी कहती हैं कि वो सिरील अलमेइदा की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.
जुबैर खान कहते हैं कि जो कुछ सिरील अलमेइदा के साथ हो रहा है उसके लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और सेना को शर्मिंदा होना चाहिए.
लेकिन शाहरुज नाम के एक ट्विटर यूजर ने सिरील को गद्दार बताते हुए लिखा है कि उन्हें फांसी दे देनी चाहिए.
किरन रजा आरोप लगाती हैं कि सिरील अलमेइदा पाकिस्तान के बारे में झूठ ही लिखते हैं और उनकी रिपोर्टिंग में कोई तथ्य नहीं होते हैं.
वहीं राना वलीद नाम के एक यूजर ने ट्वीट किया है कि सिरील अलमेइदा की वजह से भारत को पाकिस्तान की आलोचना करने का एक और बहाना मिल गया है. उन्होंने सिरील को फिक्शन राइटर बताया है.
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच ये मामला सामने आया है और इसीलिए सोशल मीडिया पर इसे लेकर तीव्र प्रतिक्रिया हो रही है.